पटना : इंटर साइंस की परीक्षा की कॉपियों की स्क्रूटिनी और रैंडम पद्धति से पुनमरूल्यांकन के लिए शिक्षकों की विशेष टीम गठित होगी. सभी जिलों से इंटर साइंस व कॉमर्स की करीब 35 लाख कॉपियों को पटना मंगाया जा रहा है. एक लाख 62 हजार 988 उत्तर पुस्तिकाओं में से कॉपियों की रेंडमली जांच होगी.
इंटर रिजल्ट में कथित गड़बड़ी को लेकर पूरे प्रदेश में हंगामे के बाद शिक्षा मंत्री पीके शाही ने इंटर साइंस में तृतीय श्रेणी पानेवाले या फेल करनेवाले परीक्षार्थियों की कॉपियों में से रैंडम तरीके से सैंपल कॉपियों लेकर उनकी जांच करने का निर्देश दिया था. उन्होंने निशुल्क स्क्रूटिनी का भी निर्देश दिया है.
परीक्षा समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिंह ने बोर्ड स्क्रूटनी के लिए अभी से शिक्षकों की सूची तैयार की जा रही है. टीम में कितने शिक्षक होंगे, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि हमारे पास कितने आवेदन आये है. आवेदन के अनुसार शिक्षकों की संख्या के अनुसार टीम बनेगी. सभी जिलों से कॉपी को पटना इंटर काउंसिल में लाने के बाद उन्हें अरेंज किया जायेगा. कॉपी को पहले प्रमंडल, कमिश्नरी और फिर जिला के अनुसार रखा जायेगा. उसके बाद हर जिले के स्कूल और कॉलेजों के अनुसार कॉपी को रौल कोड और रौल नंबर के अनुसार विषय वार अलग-अलग रखा जायेगा. इन सारी प्रक्रिया में लगभग 10 से 15 दिन लग जायेंगे.
बोर्ड के अनुसार कॉपी अरेंज होने के बाद ही रेंडमली जांच की तिथि तय की जायेगी. बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि रेंडमली के दौरान कितने उत्तर पुस्तिकाओं को एक साथ लिया जायेगा, इस पर हम विचार करेंगे. लेकिन, यह जरूर है कि रेंडमली जांच में हर प्रमंडल और जिले की कॉपी होगी.
कम नंबर पर रिवार्ड मार्क्स पर भी हो रहा विचार
बोर्ड अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिन्हा ने कहा, अगर जांच में गड़बड़ी के कारण किसी छात्र की कॉपी में कम नंबर पाया गया , तो उसे रिवार्ड मार्क्स भी दिये जा सकते हैं. इस पर नीतिगत फैसला जल्द लिया जायेगा. एक- दो दिनों में जिलों से कॉपियां पहुंच जायेंगी. गणित, भौतिकी और रसायनशास्त्र की कॉपियों में रैंडम तरीके से सैंपल लेकर उनकी जांच की जायेगी. जीव विज्ञान और अन्य विषयों में कम शिकायतें आयी हैं. इनमें व्यक्तिगत शिकायतों की जांच की जा रही है.
उन्होंने कहा कि जिला, कॉलेज और रौल नंबर के अनुसार रैंडम तरीके से सैपल कॉपियां निकाल कर उनका पुनर्मूल्याकन किया जायेगा.समिति के अध्यक्ष राजमणि प्रसाद सिन्हा ने कहा कि छात्रों के आवेदन पर उन्हें कॉपी की फोटो प्रति दी जा रही है. रविवार को भी मैंने खुद केमिस्ट्री की चार कॉपियों को मंगा कर विशेषज्ञों से दिखाया. इनमें तीन कॉपियां सेंटरों से रैंडम निकाल कर देखी गयीं और एक कॉपी छात्र की शिकायत के बाद देखी गयी. इनमें क्रमश: 30, 23, 5 व 3 नंबर मिले थे. विशेषज्ञों ने पाया कि सभी सवालों के जवाब तो लिखे गये थे, पर जवाब सही और टू द प्वॉइंट नहीं थे. विशेषज्ञों इन नंबरों को उचित पाया.