पटना: राज्य में खाद्य सुरक्षा योजना एक फरवरी,2014 से लागू है. बावजूद लाभुकों को लाभ नहीं मिल रहा है. पिछले सात महीने से जनवितरण दुकानदारों का करीब 200 करोड़ रुपया राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के खाते में जमा है, लेकिन लाभार्थियों तक अनाज नहीं पहुंच रहा है. नवंबर,2013 से मई,2014 तक एसएफसी से मात्र एक महीने का ही अनाज का उठाव हुआ. वितरण भी लाभुकों में ठीक से नहीं हुआ है.
सबसे अधिक खामियाजा उन लाभुकों को भुगतना पड़ रहा है,जो जनवितरण प्रणाली से सस्ती दर पर मिलने वाले अनाज पर आश्रित हैं.
सिर्फ अप्रैल में ही उठाव
डीलरों का कहना है कि नवंबर महीने से उन्हें खाद्यान्न नहीं दिया जा रहा. हालांकि हर महीने आवंटन के मद में ड्राफ्ट से राशि जरूर जमा करायी जाती रही. यह राशि बढ़ कर अब 200 करोड़ रुपये तक पहुंच गयी है. सिर्फ पटना में ही पौने सात लाख लाभुक अनाज से वंचित हैं. नवंबर से लेकर मई महीने के बीच सिर्फ अप्रैल महीने का अनाज ही कुछ गोदाम से उठाव हुआ. डीलरों का कहना है कि उन्हें दोतरफा मार ङोलनी पड़ रही है. एक तरफ उनकी पूंजी महीनों से एसएफसी के खाते में जमा हो गयी है, वहीं अनाज नहीं मिलने से लाभुकों में आक्रोश है.
सामाजिक व आर्थिक जनगणना से चयनित परिवार को लाभ
लाभुक परिवार को हर माह दो किलो गेहूं व तीन किलो चावल.
गेहूं दो रुपये व चावल तीन रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया जाना है.
बीपीएल-एपीएल को खत्म कर सिर्फ अंत्योदय परिवार को शामिल किया गया.
जिले में लगभग साढ़े पांच लाख लाभुक. एक लाख दस हजार पटना अनुभाजन क्षेत्र में.
अंत्योदय योजना के तहत लाभुक परिवार को दो रुपये की दर से 14 किलो गेहूं व तीन रुपये की दर से 21 किलो चावल देने का प्रावधान