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हजारों शिक्षकों को छह महीने से वेतन नहीं

पटना: राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद मुखिया व पंचायत नियोजित शिक्षकों को वेतन भुगतान में अड़ंगा लगा रहे हैं. राज्य सरकार ने इन शिक्षकों को बैंक खातों के जरिये वेतन देने की व्यवस्था की है, ताकि उन्हें वेतन भुगतान में देरी व गड़बड़ी न हो. लेकिन, पंचायत व मुखिया के लिख कर नहीं […]

पटना: राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद मुखिया व पंचायत नियोजित शिक्षकों को वेतन भुगतान में अड़ंगा लगा रहे हैं. राज्य सरकार ने इन शिक्षकों को बैंक खातों के जरिये वेतन देने की व्यवस्था की है, ताकि उन्हें वेतन भुगतान में देरी व गड़बड़ी न हो. लेकिन, पंचायत व मुखिया के लिख कर नहीं देने के कारण कहीं दो माह, तो कहीं छह माह से वेतन बकाया है.

पूर्णिया के भवानीपुर के मध्य विद्यालय, सोनडीहा की शिक्षिका मीना कुमारी को चार माह से वेतन नहीं मिला था. इससे वह अपना इलाज नहीं करवा सकीं और उनकी मौत हो गयी. जमुई में छह माह से शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है. यही हाल भागलपुर का भी है. यहां तीन माह से शिक्षक बिना वेतन के काम कर रहे हैं. मुंगेर, कटिहार व अररिया के शिक्षक दो माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं. पटना में फिलहाल मार्च का एलॉटमेंट भेजा गया है. शिक्षा विभाग का दावा है कि मार्च तक का एलॉटमेंट सभी जिलों को भेज दिया गया है, जहां से वेतन का भुगतान हो रहा है. अप्रैल-मई की राशि का भुगतान इस माह के अंत तक कर दिया जायेगा.

नये शिक्षकों के वेतन में हो रही परेशानी
बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक राहुल सिंह ने कहा कि जो नये शिक्षक नियुक्त हुए हैं, कहीं-कहीं उनको वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा है. उनके वेतन भुगतान के लिए पंचायत व मुखिया को बैंक में लिख कर देना होता है, जहां से नहीं दिया जा रहा है, इसलिए वहां यह समस्या आ रही है. उन्होंने बताया कि सर्व शिक्षा अभियान की ओर से सभी जिलों को जून तक की राशि उपलब्ध करा दी गयी है. जिले के डीपीओ के खाते में राशि है. जब पंचायत स्तर से संबंधित शिक्षकों पर एडवाइस आ जाता है, तो भुगतान हो जायेगा. सभी शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश सभी जिलों के डीइओ और डीपीओ को भी निर्देश दिया गया है.

विभाग व बैंक के बीच फंसा वेतन
इधर, पंचायत-नगर प्रारंभिक नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष पूरन सिंह ने शिक्षा विभाग और बैंक पर ही देर से वेतन भुगतान करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि भागलपुर, जमुई, पूर्णिया समेत अधिकतर जिलों में करीब तीन से छह माह से वेतन नहीं मिल सका है. इसके कारण कई शिक्षक कर्ज लेकर अपना काम चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग 11 तारीख तक वेतन भुगतान की बात तो करता है, लेकिन आज तक इसका पालन नहीं हो सका है.

दो तरह से मिलता है वेतन
नियोजित शिक्षकों को दो प्रकार से वेतन मिलता है. करीब 60 हजार शिक्षकों को बिहार सरकार वेतन की राशि देती है, बाकी 2.40 लाख को सर्व शिक्षा अभियान की ओर से वेतन का भुगतान होता है. इसमें 65 फीसदी राशि केंद्र और 35 फीसदी राशि राज्य सरकार देती है. सर्व शिक्षा अभियान जिलों को वेतन, सिविल कार्य और अन्य कार्य के लिए राशि देता है. प्राथमिक शिक्षा के प्रभारी निदेशक सह संयुक्त निदेशक आरएस सिंह ने बताया कि अगर कभी वेतन की राशि देने में देर हो जाती है, तो सरकार सर्व शिक्षा अभियान से अपने मद से राशि भुगतान करने की अपील करती है. इससे शिक्षकों को समय पर वेतन मिल जाता है. फिलहाल 60 हजार शिक्षकों, जिनका वेतन राज्य सरकार को देना होता है, उनके वेतन की राशि निर्गत करने के लिए सभी जिलों से उपयोगिता प्रमाणपत्र मंगाया जा रहा है. 20 दिनों के अंदर वेतन की राशि निर्गत करा दी जायेगी.

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