पटना: प्रदेश में आतंकी व आपराधिक हमले को देखते हुए रेलवे सुरक्षा को पुख्ता व हाइटेक किया जा रहा है. इसके लिए आरपीएफ जवानों को थ्री नॉट थ्री की जगह एके 47 व इनसास राइफल से लैस किया जायेगा. थानों की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी व वीडियो कैमरे लगाये जायेंगे. रात में आरपीएफ जवान सही तरह से काम कर सके, इसके लिए उनको नाइट विजन कैमरा, सर्च मिरर व कार रिमोट ओपनिंग टूल उपलब्ध कराये जायेंगे.
थानों का भी होगा आधुनिकीकरण : स्टेशन परिसर में लावारिस कार व अन्य वाहनों की चेकिंग के लिए पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे. कार के लॉक खोलने के लिए कार रिमोट ओपनिंग टूल थाने में दिये जायेंगे. सभी चौकियों व थानों में स्कैनर की व्यवस्था होगी. वाहन को चेक करने के लिए सर्च मिरर होंगे. संदिग्ध व्यक्ति की जांच के लिए रिवॉल्विंग सर्च लाइट व एलक्ष्डी फ्लैश लाइट थानों में उपलब्ध होंगे. सरकार की सभी थानों में सीसीटीवी लगाने की भी योजना है. साथ ही किसी भी घटना की रिकॉर्डिग करने के लिए वीडियो कैमरे उपलब्ध कराये जायेंगे. यही नहीं, आरपीएफ थानों का भी आधुनिकीकरण किया जायेगा. आरपीएफ थानों के रेकॉर्ड को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है.
बॉर्डर के रेलवे स्टेशनों पर बारीक नजर : सूत्रों की मानें तो नेपाल सीमा से लगे रेलवे स्टेशनों पर आरपीएफ की आधुनिकीकरण की प्रक्रिया तेज होगी. इन क्षेत्रों में रेलवे स्टेशनों का उपयोग भारत विरोधी गतिविधियों के लिए होता है. इसको देखते हुए बॉर्डर से सटे स्टेशनों व उनमें तैनात जवानों को हाइटेक बनाने पर बल दिया जा रहा है. इन जगहों पर तैनात होनेवाले अधिकारियों व जवानों के फिट होने के बाद ही उक्त स्थानों पर तैनात किये जाने पर जोर दिया जा रहा है.
दिल्ली जीआरपी-आरपीएफ हैं हाइटेक : दिल्ली में जीआरपी व आरपीएफ का बहुत पहले ही आधुनिकीकरण किया जा चुका है. वहां पर उपलब्ध साधनों से मिली सफलता के बाद पूरे देश में इसे लागू करने की योजना बनायी जा रही है. इसके लिए जीआरपी व आरपीएफ के अधिकारियों से बहुत पहले ही सूचना मांगी गयी थी. लेकिन उनकी सुस्ती के कारण समय से सूचना नहीं पहुंच सकी. इसके कारण आधुनिकीकरण का प्रस्ताव कई वर्षो से टलता रहा है. लेकिन, इस बार दोनों विभागों के आलाधिकारी काफी सचेत हैं. इसके कारण उनका आधुनिकीकरण के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.
क्या कहते हैं अधिकारी : इस संबंध में आरपीएफ के डीजी कृष्णा चौधरी कहते हैं कि देशद्रोही गतिविधियों व आतंकी हमलों को देखते हुए आरपीएफ थानों व जवानों का आधुनिकीकरण किया जायेगा. इससे कार्रवाई के दौरान जवान सक्रिय होकर कार्य कर सके.
अभी मिल रही है थ्री नॉट थ्री
प्रदेश में लगातार ट्रेनों व स्टेशनों को आतंकी, नक्सली व अपराधी समय-समय पर निशाना बनाते हैं. हाल ही में पटना जंकशन पर आतंकियों ने बम ब्लास्ट किये थे. इसे देखते हुए आरपीएफ को आधुनिक हथियारों से लैस किया जा रहा है. प्रदेश में आरपीएफ के सभी 2200 जवानों को थ्री नॉट थ्री की जगह अब एके 47 व इनसास राइफलें दी जायेंगी. उनकी मारक क्षमता 440 गज है. यही नहीं, उक्त जवानों को बुलेट प्रूफ जैकेट व सर्च लाइट भी दी जायेंगी. विदित है कि स्टेशन व परिसर में कोई संदिग्ध वस्तु मिलने के बाद अफरा-तफरी मच जाती है. आरपीएफ इसकी सूचना पुलिस के साथ अपने आलाधिकारी को देता है, जिसके बाद जांच दल, बम स्क्वॉयड दस्ता के पहुंचने के बाद आगे की कार्रवाई होती है. इस दौरान अनहोनी की आशंका बनी रहती है. इस निपटने के लिए जवानों को एंटी बम सूट व बम बास्केट भी दिये जायेंगे. इससे किसी तरह के लावारिस समान मिलने पर उसकी तत्काल जांच होगी.