पटना: शास्त्री नगर का छह वर्षीय गोलू ने सोमवार की सुबह अंतिम सांस ली. पीएमसीएच के डॉक्टर ने लगातार 14 घंटे तक उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वे हार गये. अगलगी में गोलू के शरीर का अधिकांश हिस्सा जला हुआ था.
जहरीली गैस उसके फेफड़े में जम गयी थी. इससे उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. सुबह तीन बजे उसकी मौत हो गयी. उधर, अगलगी से पीड़ित लोगों के पास किसी तरह का सरकारी सहायता नहीं पहुंचने से वे आक्रोशित हो गये. पीड़ितों ने सड़क जाम करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने समझा-बुझा कर मामला शांत कराया.
दो दिनों से 200 लोग भूखे
शास्त्री नगर में रविवार को अगलगी के कारण 30 झोंपड़ियां जल गयी थीं. इनमें रहनेवाले 200 लोग तीन वक्त से भूखे हैं. चूल्हे की आग ने घर समेत पैसे, कपड़े व भोजन बनाने की सामग्रियों को जला डाला. इसकी वजह से 30 परिवार के लोग भूखे रहने पर मजबूर हैं. झोंपड़ी में रहनेवाले राकेश डोम का कहना है कि राजधानी में होने के बाद भी शासन-प्रशासन को उनकी सूझ नहीं है. इसके कारण वह भूखे रहने पर मजबूर है, जबकि सावित्री कहती है कि खुद तो भूखे पेट सोया जा सकता है, लेकिन बच्चों के लिए पड़ोस में रहनेवालों से भोजन मांग कर खिलाने पर मजबूर है. अगलगी से सब कुछ जलने के बाद भी सोमवार की शाम तक सरकार ने किसी तरह की सहायता नहीं की है.