!!सुरजीत सिंह!!
रांची:दुमका जिले की पुलिस को नक्सली हमले की पूर्व सूचना होने के बावजूद पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार मारे गये. सूत्रों के मुताबिक,घटना से पांच-छह दिन पहले ही दुमका पुलिस की टेक्निकल सेल ने नक्सलियों की बातचीत सुनी थी. पता चला था कि काठीकुंड में नक्सलियों का दस्ता मौजूद है. नक्सली पुलिस को निशाना बना सकते हैं. बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. इस सूचना पर दुमका पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ न ऑपरेशन चलाया, न ही पड़ोसी जिलों की पुलिस को सतर्क किया.
दुमका पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की : पुलिस मुख्यालय तक पहुंची खबर के मुताबिक, नक्सली आपस में बातचीत कर रहे थे. किसी घटना को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहे थे. सूचना के बाद भी दुमका पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. परिणामस्वरूप दो जुलाई को नक्सली पाकुड़ एसपी अमरजीत बलिहार व छह जवनों की हत्या कर सभी के हथियार लूटने में सफल रहे.हालांकि पुलिस मुख्यालय के अफसर इस मुद्दे पर अभी कुछ नहीं बोल रहे हैं. दुमका की डीआइजी प्रिया दूबे ने सिर्फ इतना कहा है कि घटना को लेकर इंटेलिजेंस इनपुट पहले से थी.
काठीकुंड थाना पुलिस को नहीं थी एसपी के लौटने की सूचना : सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला है कि पाकुड़ एसपी के आने-जाने के बारे में पाकुड़ जिला की पुलिस को सूचना थी. पाकुड़िया थाना की पुलिस एसपी को रिसीव करने जंगल की दूसरी ओर सड़क पर मौजूद भी थी. लेकिन जंगल में प्रवेश करने के एक किमी बाद ही नक्सलियों ने एसपी के काफिले पर हमला कर दिया. जांच में यह भी पता चला है काठीकुंड थाना की पुलिस को एसपी के लौटने के बारे में खबर नहीं दी गयी थी. सूत्रों के अनुसार, काठीकुंड थाना को एसपी के मूवमेंट की जानकारी दी गयी होती, तो थाना की पुलिस उस सड़क पर मौजूद होती.