मुंबई : दागी सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का आजीवन अध्यक्ष बनाये जाने से नाराज खेल मंत्री विजय गोयल ने आज आईओए प्रमुख एन रामचंद्रन को लताड़ लगायी है. रामचद्रंन को लताड़ लगाते हुए खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि आईओए प्रमुख भी बराबर के जिम्मेदार हैं जिन्होंने उस मुद्दे को उठाया जो बैठक का एजेंडा ही नहीं था.
गोयल ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आईओए अध्यक्ष रामचंद्रन भी बराबर के दोषी हैं. वह बैठक में इस मुद्दे को लाये और इसे पारित भी किया जबकि यह बैठक का एजेंडा ही नहीं था. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘आईओए का काम नैतिकता और अच्छे संचालन के आधारभूत सिद्धांतो के अनुरुप काम करना है, लेकिन उन्होंने दो व्यक्तियों – सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला, जो दागी हैं, को आजीवन अध्यक्ष बनाया. ‘ गोयल ने कहा कि अब खेल मंत्रालय ने आईओए को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और इसका जवाब देने के लिये कल तक का समय दिया है.
* खेल मंत्रालय ने आईओए को मान्यता रद्द करने की धमकी दी
मंत्रालय ने आईओए को चेतावनी दी है कि अगर उसने दागी सुरेश कलमाडी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने के फैसले को वापस नहीं लिया तो उसकी मान्यता समाप्त की जा सकती है. कलमाडी और चौटाला को चेन्नई में 27 दिसंबर को आईओए की वार्षिक आम बैठक में यह मानद पद सौंपने का फैसला किया गया था जिससे भारतीय खेल समुदाय हैरान और खेल मंत्रालय नाराज है.
विवाद बढ़ने पर कलमाडी ने कल साफ कर दिया कि वह यह पद स्वीकार नहीं करेंगे लेकिन चौटाला ने उनका अनुसरण नहीं किया, हालांकि उन्होंने कहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को इस पर आपत्ति होती है तो वह अपना पद छोड़ने के लिये तैयार हैं. उन्होंने आईओए अध्यक्ष एन रामचंद्रन को इस मामले में आईओसी से बात करने के लिये कहा है.
खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि यदि यह विवादास्पद फैसला वापस नहीं लिया जाता है तो इससे आईओए के साथ संबंध खराब होंगे. नोटिस में कहा गया है, ‘‘आईओए की 27 दिसंबर 2016 को चेन्नई में वार्षिक आम बैठक में सुरेश कलमाडी और अभय सिंह चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया. जो व्यक्ति आईओए के किसी पद के लिये चुनाव नहीं लड़ सकता है उसे आईओए का आजीवन अध्यक्ष बना दिया गया जो कि आईओसी की शर्तों और आईओए के स्वयं के संविधान दोनों की भावना का उल्लंघन है.’
नोटिस के अनुसार, ‘‘इसे देखते हुए आईओए से पूछा गया है कि वह कारण बताये कि आखिर आईओए की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) के तौर पर मान्यता क्यों बरकरार रखी जानी चाहिए तथा उसे सरकार से मिलने वाली सभी तरह मदद क्यों नहीं रोक देनी चाहिए जबकि वह नैतिकता और सुशासन के मूल सिद्वांतों पर चलने में नाकाम रहा है, आईओसी के निर्देशों और अपने खुद के नियमों का उल्लंघन कर रहा है और इस तरह से उसने देश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचायी है. ‘
मंत्रालय ने नोटिस में कहा, ‘‘आपका जवाब 30 दिसंबर 2016 को शाम पांच बजे तक इस पत्र में हस्ताक्षर करने वाले अधिकारी के कार्यालय में पहुंच जाना चाहिए. इसमें नाकाम रहने पर यह समझा जाएगा कि आपके पास इस मामले में कहने के लिये कुछ नहीं है और फिर उसी अनुसार कार्रवाई की जाएगी. ‘ खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि उनका चौटाला के साथ किसी तरह के निजी मसला नहीं है लेकिन उन्हें भारतीय खेलों की भलाई के लिये यह कदम उठाने के लिये मजबूर होना पड़ा.
गोयल ने कहा, ‘‘उनके खिलाफ कुछ भी निजी मसला नहीं है. चौटाला के खिलाफ कुछ मामलों में आरोप पत्र दाखिल हैं. मंत्रालय को मजबूर होकर ये कदम उठाने पड़े. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘आईओए ने जो किया वह पूरी तरह से अस्वीकार्य है. उन्होंने आईओसी के चार्टर का पालन नहीं किया और अपने नियमों को भी नजरअंदाज किया. उन्होंने राष्ट्रीय खेल विकास संहिता का भी पालन नहीं किया. हमने आईओए को इसलिए मान्यता दी है ताकि वह नैतिकता और सुशासन के सिद्वांतों का पालन करे.’ गोयल ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि उन्हें समझ आएगी और इन फैसलों को रद्द कर दिया जाएगा. आईओए को सुशासन और नैतिकता का पालन करना चाहिए. ‘