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पाकिस्तान को हराकर भारत ने एशियाई चैंपियंस ट्राफी अपने नाम की

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कुआंटन (मलेशिया) : भारतीय हॉकी टीम ने एक रोमांचक मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 3 – 2 से हराकर एशियाई चैम्पियंस ट्राफी फिर अपने नाम कर ली. इस टूर्नामेंट के चौथे संस्करण के फाइनल में भारत की ओर से रुपिंदर पाल सिंह ने 18वें मिनट, यूसुफ अफान ने 23वें और निकिन थिम्मैया ने 51वें मिनट में गोल करके जीत सुनिश्चित की. पाकिस्तानी टीम की ओर से मुहम्मद अलीम बिलाल ने 26वें मिनट और अली शान ने 38वें मिनट में गोल दागे.
रोशनी के पर्व दीवाली के मौके पर यह जीत भारतीयों के लिये उम्दा तोहफा रही. दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2014 में एशियाई खेलों के बाद पहली बार दोनों टीम किसी महाद्वीपीय टूर्नामेंट के फाइनल में आमने-सामने थीं. भारत ने साल 2011 में इस टूर्नामेंट के पहले संस्करण का खिताब भी अपने नाम किया था. उस समय भी भारतीय टीम ने फाइनल में पाकिस्तान को शिकस्त दी थी.
इसके अगले साल ही पाकिस्तान ने नतीजे को पलट दिया और खिताब अपने नाम किया और फिर 2013 में उसने फाइनल में जापान को पराजित किया. दुनिया की छठे नंबर की टीम भारत टूर्नामेंट के शुरु से ही खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही थी, हालांकि इस टीम में कुछ प्रमुख खिलाडी नहीं थे. जब भारतीय टीम उतरी तो उसमें पी आर श्रीजेश जैसा दिग्गज खिलाड़ी मांसपेशियों में खिंचाव के कारण मौजूद नहीं था और उनका स्थान आकाश चिकते ने लिया. भारत को खेल के सातवें मिनट में पेनेल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन भारतीय खिलाडी उसे गोल में तब्दील नहीं कर सके.
पाकिस्तान को 12वें मिनट में गोल करने का मौका मिला जब मोहम्मद रिजवान जूनियर ने भारतीय सर्किल के भीतर गेंद उठाई और सामने सिर्फ गोलकीपर ही था. गोलकीपर चिकते ने आगे निकल आये लेकिन रिजवान का शाट बाहर से निकल गया. भारत ने पहला गोल 18वें मिनट में दूसरे पेनल्टी कार्नर पर किया जब रुपिंदर की ड्रैग फ्लिक पर गेंद गोल के भीतर चली गई. रुपिंदर का यह 11वां गोल था. इसके तीन मिनट बाद निकिन ने सरदार सिंह से गेंद लेकर तलविंदर सिंह को पास दिया. तलविंदर अपनी रिवर्स ड्राइव पर काबू नहीं रख सके और गेंद क्रासबार के उपर से निकल गई.
अनुभवी मिडफील्डर सरदार सिंह ने 23वें मिनट में भारत की बढत दुगुनी करने में सूत्रधार की भूमिका निभाई. उन्होंने दाहिने फ्लैंक से सर्किल के भीतर गेंद रमनदीप सिंह को सौपी जिसके क्रास को डिफ्लैक्ट करके युसूफ ने भारत को 2 – 0 से आगे कर दिया.
दो गोल गंवाने के बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले तेज किये और 26वें मिनट में बिलाल ने पेनल्टी कार्नर पर उसका पहला गोल किया. इसके बाद 38वें मिनट में भारतीय डिफेंस के बिखरने का फायदा उठाकर पाकिस्तान के लिये अली ने दूसरा गोल दागा.
भारत का एक गोल 40वें मिनट में अमान्य हो गया जब वीडियो अंपायर ने सर्किल के बाहर से कोथाजीत सिंह का गोल ‘क्लीन’ होने से इनकार कर दिया. भारत ने 51वें मिनट में फिर बढत बना ली जब सरदार ने थिमैया को गेंद सौंपी जिसने पाकिस्तानी गोलकीपर फरीद अहमद को छकाकर गोल दागा. पाकिस्तान को दो मिनट बाद दूसरा पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन उस पर गोल नहीं हो सका.

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