।। अरविंद मिश्रा ।।
ईस्ट रदरफोर्ड (अमेरिका): कोपा अमेरिका के फाइनल में चिली के हाथों करारी हार के बाद अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर लियोनेल मेसी ने आज अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलिवदा कह दिया है. पेनेल्टी शूट-आउट में चिली की गोलपोस्ट को भेदने में नाकाम रहने के बाद मायूस मेसी ने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से संन्यास का फैसला किया. हालांकि मेसी के समर्थकों के लिए बड़ी राहत की बात है कि वो इसके बाद भी बार्सिलोना फुटबॉल क्लब की ओर से खेलते रहेंगे.
स्टार फुटबॉल मेसी भले ही दुनिया में अपनी खेल के दम पर छाये रहे हों, लेकिन उन्होंने अपनी टीम को एक भी बड़े मुकाबले में जीत नहीं दिला पाये. इस सुपरस्टार के लिए यह हार इस मायने में भी बहुत मायूस करने वाली रही कि अर्जेंटीना की नुमाइंदगी करते हुए उनकी राष्ट्रीय टीम को लगातार चार बड़े फाइनल मुकाबलों में हार का मुंह देखना पड़ा. आइये जाने मेसी के जीवन से जुड़ी दस बड़ी बातें.
1. मेसी का जन्म अर्जेंटीना के रोसारियो में हुआ था. उनके पूर्वज इटालियन मुल के थे. 1883 में उनके पूर्वज अर्जेंटीना में आकर बसे. मेसी की मां लेबनानी थी.
2. मेसी के साथ बार्सिलोना ने एक नैपकिन पेपर पर करार किया था
मेसी की प्रतिभा को सबसे पहले बार्सिलोना ने ही पहचाना था. जब मेसी महज 13 साल के थे उस समय ही बार्सिलोना ने उनके साथ 14 दिसंबर 2000 को करार किया था. बार्सिलोना को मेसी के साथ करार की इतनी जल्दी थी कि उसने उनके साथ एक नैपकिन पेपर में ही अनुबंध कर लिया.
3. मेसी जब अर्जेटीना की ओर से खेलना शुरू नहीं किया था उस समय 2004 में स्पेन ने अपने देश की ओर से खेलने का ऑफर दिया था, लेकिन मेसी ने स्पेन के इस ऑफर को ठुकरा दिया.
4. मेसी अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच में मात्र 47 सेकंड ही खेल पाये
मेसी ने 2005 में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला अर्जेंटीना की ओर से खेला था. उस समय उनकी उम्र महज 18 साल थी. मेसी ने हंगरी के खिलाफ अपना पहला मैच खेला था. इस मैच में मेसी मात्र 47 सेकंड ही खेल पाये थे. उन्हें रेफरी ने रेड कॉर्ड दिखा दिया और उन्हें मैदान के बाहर जाना पड़ा.
5. लियोनेल मेसी दुनिया के सबसे महान फुटबॉलरों में गिने जाते हैं. वो दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं जिन्हें फीफा की ओर से सर्वश्रेष्ठ फुटबॉलर चुना गया था. उन्होंने पांच बार फीफा बैलन डि ओर का खिताब जीता. मेसी तीन बार यूरोपीय गोल्डन शू का खिताब जीतने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी हैं.
6. मेसी अर्जेंटीना के सबसे महान फुटबॉलर थे. उन्होंने अपनी टीम की ओर से सबसे अधिक 55 गोल दागे. अर्जेंटीना की ओर से किसी भी खिलाड़ी ने यह कारनामा नहीं किया है. यह उनका बड़ा रिकॉर्ड रहा है. दुर्भाग्य की बात है कि इतने बड़ी खिलाड़ी ने अपनी टीम को एक भी बड़ा ट्रॉफी अपने कैरियर में नहीं दे पाया.
7. बचपन मेंग्रोथ हार्मोनसंबंधी बीमारी के शिकार थे मेसी
मेसी को मेसी बनने में काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा. उन्हें बचपन में बड़ी भयानक बीमारी ने अपने कब्जे में ले लिया था. उन्हें ग्रोथ हार्मोन जैसी बीमारी थी. जिसके कारण उनकी प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो गयी थी. उनकी आंखों की रोशनी कम हो रही थी. ऐसे में उन्हें काफी परेशानी हो रही थी. डॉक्टर ने उनके ग्रोथ के लिए बाहर ने हारमोन लेने की सलाह दी थी. जिसके बाद उन्हें पूरे तीन साल तक सप्ताह के सातों दिन पांव में सुई दी जाती थी.
8. मेसी खेल की दुनिया से बाहर भी अपने व्यक्तित्व के लिए काफी मशहूर थे. उन्होंने कई सामाजिक काम किये. कई जरूरत मंदों को उन्होंने सहायता पहुंचायी. उन्होंने लियो मेसी फाउंडेशन की स्थापना 2007 में की थी. मेसी ने बच्चों के लिए एक अस्पताल भी बनवाये. इसके अलावा उन्होंने सीरियाई बच्चों की सहायता के लिए 2013 में अपनी कुल कमाई का एक तिहाई हिस्सा दान कर दिया था.
9. चोट ने भी मेसी को काफी परेशान किया
मेसी अपनी चोट के कारण भी काफी परेशान रहे. उन्हें पिछले साल खेल के मैदान में काफी गंभीर चोट लगी थी, जिससे उन्हें काफी परेशानी भी हुई. लेकिन उनकी फुटबॉल के प्रति दिवानगी ने उन्हें मैदान पर एक बार फिर से वापस लाया. उन्होंने शानदार वापसी की, लेकिन अपनी टीम को हर बार की तरह ट्रॉफी नहीं दिला पाये और कोपा कप के फाइनल मुकाबले में हार से निराश अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल को अलविदा कह दिया.
10. मेसी को होना पड़ा आलोचनाओं का शिकार
मेसी भले ही दुनिया के महान फुटबॉलर रहे हैं, लेकिन उन्होंने अपने देश के लिए कुछ खास नहीं कर पाया. इससे उन्हें काफी आलोचना भी झेलना पड़ा. अपने ही देश के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना का रिकॉर्ड भी उन्होंने नहीं तोड़ पाया. माराडोना ने 1986 में अपने देश के लिए विश्वकप जीता था.