मुंबई : भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग का अनुभव रखने वाले इंग्लैंड के स्टीफन कान्सटेनटाइन और न्यूजीलैंड के रिकी हरबर्ट भारतीय फुटबॉल टीम के कोच पद की दौड में हैं. बावन वर्षीय कान्सटेनटाइन इससे पहले 2002 से 2005 तक भारतीय टीम के कोच रह चुके हैं जबकि न्यूजीलैंड के पूर्व कोच 53 वर्षीय हरबर्ट […]
मुंबई : भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग का अनुभव रखने वाले इंग्लैंड के स्टीफन कान्सटेनटाइन और न्यूजीलैंड के रिकी हरबर्ट भारतीय फुटबॉल टीम के कोच पद की दौड में हैं. बावन वर्षीय कान्सटेनटाइन इससे पहले 2002 से 2005 तक भारतीय टीम के कोच रह चुके हैं जबकि न्यूजीलैंड के पूर्व कोच 53 वर्षीय हरबर्ट कल समाप्त हुए इंडियन सुपर लीग में नार्थईस्ट यूनाईटेड एफसी के कोच थे.
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की बैठक में इन दोनों से किसी एक को विम कोवरमैन्स की जगह कोच बनाने का फैसला किया गया. पूर्व भारतीय कप्तान बाईचुंग भूटिया की अगुवाई वाले पैनल ने एआईएफएफ तकनीकी निदेशक के लिये ऑस्ट्रेलियाई स्काट ओडोनेल के नाम की सिफारिश भी की है. वह एआईएफएफ अकादमी निदेशक है. तकनीकी निदेशक का पद हालैंड के राब बीन्स के जाने के बाद खाली पडा है.
भूटिया ने तकनीकी समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, सीनियर टीम के कोच को लेकर हमारी बहुत अच्छी चर्चा हुई. राब बीन्स ने सिफारिश की थी जो भी कोच बने उसे भारतीय फुटबॉल की अच्छी जानकारी होनी चाहिए और इसके अलावा उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोचिंग का अनुभव भी होना चाहिए.
उन्होंने कहा, स्टीफन और रिकी दोनों इस मानदंड पर खरे उतरे हैं. हम इन दोनों से बात करेंगे और अगले तीन . चार दिन में फैसला करेंगे कि कौन कोच बनेगा. भूटिया ने कहा कि महासंघ को पिछले सत्र में बेंगलूर एफसी को आईलीग का खिताब दिलवाने वाले एशले वेस्टवुड और (आईएसएल में केरल ब्लास्टर्स के कोच) ट्रेवर मोर्गन का भी आवेदन मिला था लेकिन उन्होंने कभी किसी राष्ट्रीय टीम को कोचिंग नहीं दी. उन्होंने कहा, हम तीन साल का अनुबंध देने पर विचार कर रहे हैं.