ग्रुप एच में एक अंक के साथ आखिरी स्थान पर है एशियाई टीम
रूस के खिलाफ ड्रॉ खेलने के बाद अल्जीरिया से हारी है कोरियाई टीम
साओ पाउलो : खराब फॉर्म से जूझ रहे दक्षिण कोरिया को अगर वर्ल्ड कप में अपने अभियान को पटरी पर लौटाना है तो अब तक अजेय रहे बेल्जियम के खिलाफ यहां होने वाले अपने अंतिम ग्रुप एच में 2002 के अपने जज्बे को दोहराते हुए जीत दर्ज करनी होगी. रूस के खिलाफ ड्रॉ खेलने और अल्जीरिया के खिलाफ शिकस्त ङोलने वाली कोरिया की टीम एक अंक के साथ अपने ग्रुप में अंतिम स्थान पर चल रही है जबकि बेल्जियम की टीम पहले ही क्वालीफाइ कर चुकी है.
आक्रमण और डिफेंस दोनों में लचर
अब तक के प्रदर्शन को देखें तो कोरिया का जापान की तरह स्वदेश लौटना लगभग तय है. अब तक उसके आक्रमण में कोई खास मजबूती देखने को नहीं मिली जबकि उसे अपने डिफेंस को लेकर भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कोच होंग म्युंग बो हालांकि 2002 के टूर्नामेंट के अनुभव से प्रेरणा ले सकते हैं जब वह कोरिया की उस टीम का हिस्सा थे जिसने सेमीफाइनल में जगह बनाकर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था. उस समय गुस हिडिंस के मार्गदर्शन में खेलने वाली टीम ने अपने जज्बे और अपने पक्ष में रहे रेफरियों के कुछ फैसलों की मदद से पुर्तगाल, इटली और स्पेन जैसी दिग्गज टीमों को हराने में सफलता हासिल की थी. इस बार कोरिया हालांकि गोलकीपर इगोर एफिनकीप की गलती के कारण ही रूस से मुकाबला 1-1 से बराबर कर पाई जबकि अल्जीरिया ने उसे बुरी तरह पछाड़ दिया.
नहीं दिखा पार्क चू यंग का जलवा
होंग ने अल्जीरिया के खिलाफ मुकाबले के बाद कहा था कि उनकी टीम के पास अब अगले मुकाबले में बेहतर प्रदर्शन करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. टीम के स्ट्राइकर पार्क चू यंग अब तक कोई गोल नहीं दाग पाये हैं जबकि अल्जीरिया के खिलाफ पहले हाफ में तीन गोल खाने के बाद कोच होंग अपने डिफेंस को लेकर भी नाराज होंगे. दक्षिण कोरिया के पक्ष में हालांकि यह हो सकता है कि बेल्जियम की टीम अंतिम 16 में पहले ही जगह बनाने के कारण अपने कुछ महत्वपूर्ण खिलाड़ियों को इस मैच से आराम दे.
सेंटर बैक थॉमस वरमेलीन का मांसपेशियों में खिंचाव के कारण इस मैच में नहीं खेलना लगभग तय है लेकिन कोच मार्क विल्मोट्स चेल्सी के एडेन हेजार्ड को मैदान पर अधिक समय बिताने का मौका दे सकते हैं.
बेल्जियम को कोंपानी, हेजार्ड व ओरिजी से आस
बेल्जियम के पास थिबाउट कोरटोइस, विन्सेंट कोंपानी, हेजार्ड, मारोन फेलाइनी और रोमेलू लुकाकू के रूप में शीर्ष स्तर के खिलाड़ी हैं, लेकिन टीम की ओर से सुर्खियां 19 साल के युवा डेवोक ओरिजी बटोर रहे हैं जो स्थानापन्न खिलाडी के रूप में उतरकर वे दो गोल दाग चुके हैं. उन्होंने रूस के खिलाफ भी विजयी गोल दागा था. ओरिजी इस वर्ल्ड कप में सबसे कम उम्र के गोल स्कोरर बन गये हैं.