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विश्व युवा मुक्केबाजी में भारत ने झटके चार स्वर्ण, दो कांस्य पदक पर भी किया कब्जा

गुवाहाटी : भारत ने रविवार को यहां एआइबीए विश्व महिला युवा चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल्स के पहले दिन चार स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले. नीतू (48 किग्रा), ज्योति गुलिया (51 किग्रा), साक्षी चौधरी (54 किग्रा) और शशि चोपड़ा (57 किग्रा) ने फाइनल्स के पहले दिन स्वर्ण पदक जीते जिसमें दर्शकों के […]

गुवाहाटी : भारत ने रविवार को यहां एआइबीए विश्व महिला युवा चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल्स के पहले दिन चार स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले. नीतू (48 किग्रा), ज्योति गुलिया (51 किग्रा), साक्षी चौधरी (54 किग्रा) और शशि चोपड़ा (57 किग्रा) ने फाइनल्स के पहले दिन स्वर्ण पदक जीते जिसमें दर्शकों के स्टैंड में थोड़ी आग लगने से 45 मिनट की बाधा आयी. इनके अलावा नेहा यादव (81 किग्रा से अधिक) और अनुपमा (81 किग्रा) ने दो कांस्य पदक हासिल किया. जिससे भारत ने इस टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.

भारत ने टूर्नामेंट के पिछले चरण में महज एक कांस्य पदक जीता था और 2011 के बाद से स्वर्ण पदक नहीं जीता था, जिसमें सरजूबाला देवी ने सोने का तमगा हासिल किया था. नीतू सबसे पहले रिंग में उतरीं, उन्होंने कजाखस्तान की झाजिरा उराकबायेवा के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. कजाखस्तान की मुक्केबाज का फुटवर्क भी अच्छा नहीं था और वह अपना संतुलन बनाये रखने में भी जूझ रही थी. इस भारतीय मुक्केबाज ने कहा, यह सेमीफाइनल की तुलना में आसान फाइनल था. मुझे यह इतना मुश्किल नहीं लगा. नीतू ने अपनी प्रतिद्वंद्वी को आंकने में थोड़ा समय लिया, लेकिन इसके बाद उसे पंच जड़ने में जरा भी मुश्किल नहीं हुई.

ज्योति और रूस की कैटरीना मोलचानोवा का मुकाबला बराबरी का रहा. इस रोमांचक मुकाबले में दोनों मुक्केबाजों ने एक-दूसरे पर एक के बाद एक मुक्के जड़े जिससे स्टेडियम में बैठे दर्शकों ने तालियां बजाकर लुत्फ उठाया. रूसी मुक्केबाज हालांकि अपनी प्रतिद्वंद्वी को मिल रहे इतने समर्थन से जरा भी परेशान नहीं दिखी, लेकिन ज्योति सही जगह मुक्के जड़ने के मामले में कहीं बेहतर रहीं. जिससे इस भारतीय ने सर्वसम्मति से जीत दर्ज की जिससे रूसी मुक्केबाज की आंखों में आंसू आ गये.

साक्षी और इंग्लैंड की इवी जेन स्मिथ के बीच मुकाबला भी कुछ इसी तरह का था. स्मिथ का दबदबा ज्यादा दिख रहा था, लेकिन जजों को ऐसा नहीं लगा जिन्होंने घरेलू प्रबल दावेदार के पक्ष में 3-2 से फैसला किया. शशि को हालांकि वियतनाम की एनगोच डो होंग के खिलाफ ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा जिसमें उन्होंने 3-2 से जीत दर्ज की. भारत पहली बार इस चैंपियनशिप की मेजबानी कर रहा है.

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