फतुल्लाह (बांग्लादेश) : भारत के गेंदबाजी कोच जो डावेस को कोचिंग में अलग तरह की प्रणाली के इस्तेमाल के लिए पिछले कुछ समय से आलोचनाओं का सामना करना पड रहा है. भारतीय गेंदबाजों ने ऐसे में कल श्रीलंका के खिलाफ होने वाले अभ्यास मैच से पूर्व आज सात फुट के पुतले की मौजूदगी में अभ्यास नहीं किया.
किसी भी भारतीय गेंदबाज ने सात फुट के पुतले की मौजूदगी में अभ्यास नहीं किया जिन्हें आज यहां खान साहेब ओस्मानी स्टेडियम की मुख्य पिचों में से एक पर विशेष रुप से तेज गेंदबाजों के लिए रखा गया था. लाल और काले रंग का यह पुतला कथित तौर पर मुलायम रबड का बना हुआ है और इसे आस्ट्रेलिया से आयात किया गया है जो डावेस का वतन है. ट्रेनिंग सत्र के दौरान इसके इस्तेमाल का मुख्य लक्ष्य तेज गेंदबाजों को विशिष्ट क्षेत्र में गेंदबाजी का अभ्यास कराना है जैसे कि बाउंसर या यार्कर फेंकना या आफ स्टंप के बाहर निश्चित जगह पर गेंदबाजी करना.
आज शाम ढाई घंटे के ट्रेनिंग सत्र के दौरान हालांकि भुवनेश्वर कुमार, वरुण आरोन, मोहम्मद शमी और मोहित शर्मा की तेज गेंदबाजी चौकडी में से कोई भी पुतले को गेंदबाजी का इच्छुक नहीं दिखा.
इस पुतले का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका दौरे के दौरान इस्तेमाल किया गया था लेकिन ऐसा लगता है कि गेंदबाजों की इसे गेंदबाजी करने में कोई दिलचस्पी नहीं है.
भारतीय तेज गेंदबाजों ने पुतले की जगह नेट्स पर बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने में अधिक रुचि दिखाई. अंत में पुतने को जमीन में पडा देखा गया क्योंकि बल्लेबाज थ्रोडाउन और छक्के जडने का अभ्यास करना चाहते थे। बाद में इसे बिना इस्तेमाल किए ही वापस ले जाया गया. इस बीच भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नेट पर बल्लेबाजी नहीं की जबकि रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा ने आज गेंदबाजी नहीं की.