ग्रोस आइलेट : रविचंद्रन अश्विन और रिधिमान साहा के जुझारु शतकों के बाद भारत ने 37 रन के भीतर पांच विकेट गंवा दिये जिससे तीसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन पूरी टीम 353 रन पर आउट हो गई जबकि जवाब में वेस्टइंडीज ने एक विकेट पर 107 रन बना लिये थे. अश्विन ( 118 ) और साहा ( 104 ) के क्रीज पर रहते भारत बड़े स्कोर की ओर बढ़ता दिख रहा था लेकिन साहा के आउट होने से न सिर्फ 213 रन की साझेदारी टूटी बल्कि बल्लेबाजी का भी पतन हो गया.
वेस्टइंडीज ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक एक विकेट पर 107 रन बना लिये थे. क्रेग ब्रेथवेट ( 53 ) और डेरेन ब्रावो ( 18 ) क्रीज पर टिके हुए थे. चाय के बाद लियोन जानसन और ब्रेथवेट ने 16 के स्कोर से आगे खेलना शुरु किया था. देानों ने 114 गेंद में 50 रन की साझेदारी पूरी की. वेस्टइंडीज के सलामी बल्लेबाजों ने श्रृंखला में पहली बार अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की है. इसके बाद हालांकि लोकेश राहुल के सटीक थ्रो पर जानसन रन आउट हो गये.
ब्रावो और ब्रेथवेट ने दूसरे विकेट के लिए 48 रन जोड़ लिये हैं. इससे पहले भारतीय पारी अश्विन ( 118 ) और साहा ( 104 ) के ईद गिर्द घूमती रही. भारत ने अपनी पारी में 129 . 4 ओवर खेले जिनमें से 72 . 2 ओवर इन दोनों ने खेले और इस बीच छठे विकेट के लिए 213 रन की साझेदारी की जो भारत की तरफ से वेस्टइंडीज के खिलाफ नया रिकार्ड है. यह विदेशी सरजमीं पर छठे विकेट के लिए भारत की दूसरी सबसे बडी साझेदारी है.
अश्विन ने सुबह काफी धीमी बल्लेबाजी की लेकिन लंच के बाद उन्होंने दूसरे ओवर में ही रोस्टन चेज पर मिड आन पर छक्का जड़कर वर्तमान श्रृंखला का दूसरा शतक पूरा किया. वह वेस्टइंडीज के खिलाफ चार या उससे अधिक शतक जड़ने वाले भारत के छठे बल्लेबाज बन गये हैं. उन्होंने गुंडप्पा विश्वनाथ और वीवीएस लक्ष्मण की बराबरी की जबकि सचिन तेंदुलकर ( तीन शतक ) को पीछे छोड़ा साहा ने भी इसके बाद शतक पूरा करने में देर नहीं लगायी. उन्होंने चेज की गेंद पर दो रन लेकर यह उपलब्धि हासिल की.
वह विजय मांजरेकर, अजय रात्रा और महेंद्र सिंह धौनी के बाद चौथे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जिन्होंने विदेशी धरती पर शतक लगाया. भारतीय क्रिकेट में यह पहला अवसर है जबकि छठे और सातवें नंबर के बल्लेबाज शतक जडने में सफल रहे. साहा हालांकि शतक पूरा करने के तुरंत बाद जोसेफ की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे. उन्होंने अपनी पारी में 227 गेंदें खेली और 13 चौके लगाये. इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगायी.
उनकी वजह से ही भारत सुबह के सत्र में 25 ओवरों में 82 रन जोडने में सफल रहा. अश्विन जब 92 रन पर थे तब उन्हें पारी का दूसरा जीवनदान भी मिला. उन्होंने चेज की गेंद फ्लिक की जिसे शार्ट लेग पर खडे जानसन कैच नहीं कर पाये. कमिन्स के अगले ओवर में बैकवर्ड प्वाइंट पर दिन का अपना पहला चौका जडकर वह 99 रन पर पहुंचे थे.
अश्विन और साहा ने अपनी साझेदारी के दौरान वेस्टइंडीज की सरजमीं पर भारत की तरफ से छठे विकेट के लिये सर्वाधिक साझेदारी का रिकार्ड तोडा जो अब तक दिलीप सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के नाम पर था जिन्होंने 1971 में किंगस्टन में 137 रन जोडे थे। इसके बाद उन्होंने सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री के 1983 में वेस्टइंडीज के खिलाफ चेन्नई में बनायी गयी 170 रन की साझेदारी को पीछे छोडा.