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लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर अमल हुआ तो दिग्‍गजों की बढ़ेगी परेशानी

नयी दिल्ली : यदि उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति आर लोढ़ा समिति के व्यापक सुधारों के सुझावों को मानने के लिये बीसीसीआई को बाध्य कर दिया तो फिर महाराष्ट्र के दिग्गज शरद पवार के लिये खेल प्रशासन का रास्ता बंद हो जाएगा जबकि वर्तमान अध्यक्ष शशांक मनोहर हो सकता है कि अपना मतदान अधिकार गंवा दें. […]

नयी दिल्ली : यदि उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति आर लोढ़ा समिति के व्यापक सुधारों के सुझावों को मानने के लिये बीसीसीआई को बाध्य कर दिया तो फिर महाराष्ट्र के दिग्गज शरद पवार के लिये खेल प्रशासन का रास्ता बंद हो जाएगा जबकि वर्तमान अध्यक्ष शशांक मनोहर हो सकता है कि अपना मतदान अधिकार गंवा दें.

समिति ने जो सुधारवादी सुझाव दिये हैं उनसे व्यापक प्रभाव पड़ेंगे और इससे कई राज्य संघों के अध्यक्ष भी प्रभावित होंगे जो पिछले लंबे समय से अपने पदों पर आसीन हैं. कुछ सुधार प्रस्तावित राष्ट्रीय खेल विकास संहिता के अनुरुप सुझाये गये हैं.

पहली सिफारिश : कोई भी व्यक्ति 70 साल की उम्र के बाद बीसीसीआई या राज्य संघ पदाधिकारी नहीं बन सकता. संभावित प्रभाव : इससे वास्तव में मुंबई क्रिकेट संघ के महत्वाकांक्षी अध्यक्ष शरद पवार : 75 साल से अधिक :, तमिलनाडु क्रिकेट संघ के एन श्रीनिवासन : 71 साल से अधिक : की बोर्ड में वापसी का रास्ता बंद हो जाएगा. सौराष्ट्र क्रिकेट संघ के प्रमुख निरंजन शाह : 71 साल से अधिक :, पंजाब के शीर्ष पदाधिकारियों एम पी पांडोव और आईएस बिंद्रा के लिये भी अपने राज्य संघों में बने रहना मुश्किल हो जाएगा.

दूसरी सिफारिश : एक राज्य संघ का एक मत होगा और अन्य को एसोसिएट सदस्य के रुप में रेलीगेट किया जाएगा. संभावित प्रभाव : इसका मतलब है कि बीसीसीआई एजीएम के दौरान ऐसी स्थिति में अध्यक्ष शशांक मनोहर मतदान नहीं कर सकते हैं क्योंकि महाराष्ट्र का ही मान्यता प्राप्त वोटर होगा.

विदर्भ और मुंबई एसोसिएट सदस्य के रुप में रेलीगेट हो जाएंगे. इसी तरह से निरंजन शाह मतदान नहीं कर पाएंगे क्योंकि सौराष्ट्र एसोसिएट सदस्य बन जाएगा और गुजरात मुख्य सदस्य. इस तरह से बिहार, छत्तीसगढ, तेलंगाना को भी स्वतंत्र राज्य होने के कारण मतदान का अधिकार मिल जाएगा. राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब : एनसीसी : अपना मतदान का अधिकार गंवा देगा.

तीसरी सिफारिश : पदाधिकारियों के लिये तीन . तीन साल के तीन कार्यकाल जिसमें प्रत्येक के बाद बोर्ड से बाहर रहना होगा. संभावित प्रभाव : वर्तमान सचिव अनुराग ठाकुर अपने वर्तमान कार्यकाल के पूरे होने के तुरंत बाद बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिये चुनाव नहीं लड पाएंगे.

चौथी सिफारिश : बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिये तीन साल के दो कार्यकाल और इसके अलावा वह एक बार अध्यक्ष चुने जाने के बाद किसी अन्य पद के लिये चुनाव नहीं लड सकता. संभावित प्रभाव : शशांक मनोहर अपने इस कार्यकाल के बाद छह साल पूरे कर लेंगे और इस तरह से बीसीसीआई में उनकी पारी समाप्त हो जाएगी.

पांचवीं सिफारिश : एक व्यक्ति एक समय में बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों का पदाधिकारी नहीं रह सकता है. संभावित प्रभाव : बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर : अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ :, बीसीसीआई संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी : अध्यक्ष, झारखंड क्रिकेट संघ :, बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी : सचिव, हरियाणा क्रिकेट संघ : को अपने दो पदों में से कम से कम एक पद, संभवत: राज्य संघ का, छोडना पडेगा.

छठी सिफारिश : चयन समिति में तीन सदस्य होंगे जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट खेली हो. संभावित प्रभाव : मध्य क्षेत्र के राष्ट्रीय चयनकर्ता गगन खोडा को अपना पद छोड़ना होगा क्योंकि उन्होंने दो वनडे खेले हैं और उनके नाम पर कोई टेस्ट मैच दर्ज नहीं है. इसके अलावा तीन सदस्यीय पैनल के लिये विक्रम राठौड, सबा करीम और एमएसके प्रसाद में से किसी एक को बाहर होना पडेगा. संदीप पाटिल : 25 टेस्ट : संभवत: अपना कार्यकाल पूरा करेंगे.

सातवीं सिफारिश : सट्टेबाजी को कानूनी मान्यता देना. संभावित प्रभाव : ब्रिटिश सट्टेबाजी कंपनियों जैसे लैडब्रोक्स का प्रवेश. लैडब्रोक्स के जरिये ब्रिटेन और दुनिया के अन्य क्षेत्रों के लोग नियमित रुप से ईपीएल मैचों, एशेज और फीफा विश्व कप पर सट्टा लगाते हैं.

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