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क्रिकेट के माराडोना है तेंदुलकर : गांगुली

नयी दिल्ली: सचिन तेंदुलकर के भावुक भाषण से अवाक रहने वाले लाखों भारतीयों में से एक पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय खेल हस्तियों की बात है तो हाल में संन्यास लेने वाले इस स्टार क्रिकेटर की तुलना केवल महान फुटबालर डियगो माराडोना से की जा सकती है. गांगुली ने […]

नयी दिल्ली: सचिन तेंदुलकर के भावुक भाषण से अवाक रहने वाले लाखों भारतीयों में से एक पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कहा कि जहां तक अंतरराष्ट्रीय खेल हस्तियों की बात है तो हाल में संन्यास लेने वाले इस स्टार क्रिकेटर की तुलना केवल महान फुटबालर डियगो माराडोना से की जा सकती है. गांगुली ने एनडीटीवी पर दिये गये इंटरव्यू में कहा, ‘‘डियगो माराडोना, वह मेरे पसंदीदा थे और सचिन भी हैं. और दोनों जीनियस हैं. ’’ तेंदुलकर ने कल अपना 200वां टेस्ट मैच खेलने के बाद अपने 24 साल के चमकदार करियर का अंत किया.

तेंदुलकर की यह विदाई यादगार रही क्योंकि उन्होंने भावनात्मक क्षणों से पहले 74 रन की शानदार पारी खेली. विदाई भाषण देते समय उनकी आंखें भी डबडबा गयी थी. इससे करोड़ों लोगों की आंखें भी नम हो गयी.गांगुली ने कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि वह सही समय पर बात नहीं करते. उन्होंने अपने भाषण से प्रत्येक को अवाक कर दिया. ’’ उन्होंने कहा कि तेंदुलकर के बिना क्रिकेट वैसे ही होगा जैसे हेलमेट के बिना सलामी बल्लेबाज. गांगुली ने कहा कि उनकी आखिरी पारी पिछले तीन वर्षों में उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी थी. ‘‘मैंने पिछले तीन वर्षों में सचिन को इतनी अच्छी बल्लेबाजी करते हुए नहीं देखा. ’’

गांगुली ने कहा कि तेंदुलकर ने अपने साथी खिलाड़ियों का आभार व्यक्त करते हुए जब उनका नाम लिया तो वह अभिभूत थे.उन्होंने कहा, ‘‘इससे मैं गर्व महसूस कर रहा था क्योंकि हमने साथ में क्रिकेट खेली है. आपको वास्तव में खुशी होती है क्योंकि वे 15 वर्ष काफी मायने रखती हैं. यह वास्तव में दिल को छू गया. इससे पता चलता है कि हम आंकड़ों के लिये क्रिकेट नहीं खेले, हम इन क्षणों के लिये भी क्रिकेट खेले. ’’ गांगुली ने कहा कि तेंदुलकर अब कोचिंग शुरु करके वापस खेल को कुछ देना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मैं नहीं चाहता कि वह अपना समय कमेंटरी में व्यतीत करे.

उन्हें खेल को वापस कुछ देना चाहिए. अपनी तकनीक और सब कुछ. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अब वह बैठकर खुद से कह सकते हैं कि मैंने वह सब कुछ हासिल किया जो मैं क्रिकेटर के तौर पर हासिल कर सकता था. इससे अधिक और कुछ हासिल नहीं किया जा सकता था. ’’ गांगुली ने कहा कि तेंदुलकर के विदाई मैच के बाद उन्हें गले लगाने से वह विशिष्ट महसूस कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘वह विशेष थे. सचिन को गले लगाना मेरे लिये खास पल था. मैं इसे ताउम्र याद रखूंगा.’’

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