मुंबई : बीसीसीआई के नव नियुक्त अध्यक्ष शशांक मनोहर अपनी कुर्सी में बैठन से पहले बोर्ड में सुधार के कई उपाय सुझाए हैं. मनोहर दूसरी बार बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गये हैं. वकील से प्रशासक बने शशांक मनोहर का आज यहां निर्विरोध बीसीसीआई अध्यक्ष घोषित कर दिया गया. इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड में […]
मुंबई : बीसीसीआई के नव नियुक्त अध्यक्ष शशांक मनोहर अपनी कुर्सी में बैठन से पहले बोर्ड में सुधार के कई उपाय सुझाए हैं. मनोहर दूसरी बार बीसीसीआई के अध्यक्ष चुने गये हैं. वकील से प्रशासक बने शशांक मनोहर का आज यहां निर्विरोध बीसीसीआई अध्यक्ष घोषित कर दिया गया. इसके साथ ही भारतीय क्रिकेट बोर्ड में नये युग की शुरुआत हो गयी है.
पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का वर्चस्व भी खत्म हुआ. मनोहर आज यहां आम सभा की विशेष बैठक में बोर्ड अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे क्योंकि चुनाव के लिए नामांकन की समय सीमा समाप्त होने के बाद वह एकमात्र उम्मीदवार बचे थे जो अध्यक्ष पद के दावेदार थे.
जगमोहन डालमिया के निधन के बाद चुनाव दोबारा कराने की जरुरत पडी. डालमिया इस साल मार्च में दोबारा बीसीसीआई अध्यक्ष चुने गए थे. इससे पहले डालमिया को उस समय अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था जब श्रीनिवासन को बोर्ड अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाने से अलग होना पडा था क्योंकि उनके दामाद का आईपीएल 2013 सत्र के दौरान सट्टेबाजी में शामिल होने का खुलासा हुआ था. पूर्व क्षेत्र की सभी छह इकाइयों ने सर्वसम्मति से मनोहर की उम्मीदवारी का प्रस्ताव दिया है जो बोर्ड की राजनीति में पूर्व प्रमुख श्रीनिवासन के घटते दबदबे का भी संकेत है.
* शशांक मनोहर के सुधारवादी कदमों की सूची इस प्रकार है.
1. खिलाडियों और प्रशासकों से जुड़े हितों के टकराव के मामले से निपटने के लिए लोकपाल की नियुक्ति.
2. मैदान पर भ्रष्टाचार के मामलों को देखने के लिए सरकारी जांच एजेंसी को जोड़ना क्योंकि बीसीसीआई के पास जांच का अधिकार नहीं.
3. राज्य संघ बीसीसीआई से प्रति संघ 25 से 35 करोड़ के बीच मिल रहे अनुदान को कैसे खर्च कर रहे हैं इसकी निगरानी के लिए स्वतंत्र अडिटर की नियुक्ति.
4. बीसीसीआई का संविधान, बैलेंस शीट और 25 लाख या इससे अधिक खर्चे को बोर्ड की वेबसाइट पर डालना.
5. राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में सेंटर आफ एक्सीलेंस के रुप में नयी जान फूंकना जो भारतीय क्रिकेट को अच्छे खिलाड़ी उपलब्ध कराएगा.
6. महिला क्रिकेटरों को बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध (वित्त समिति पहले ही इसे स्वीकृति दे चुकी है) के अंतर्गत लाना.
7. सभी पुराने रिकार्ड और दस्तावेज मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में उपलब्ध रहेंगे जिससे कि सदस्य जरुरत होने पर इन्हें देख सकें.
8. भारत में अगले साल होने वाली आईसीसी विश्व टी20 चैम्पियनशिप का निर्बाध आयोजन.
9. संविधान में संशोधन नहीं होने तक बीसीसीआई चुनाव में अध्यक्ष पद का वोट नहीं डालना.
10. किसी विवाद के समाधान के लिए अध्यक्ष के अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करना बल्कि अधिकांश लोगों के नजरियों पर गौर करना.