जयपुर: रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन ने बुधवार को यहां आस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम के पांच बल्लेबाजों के रिकार्ड से बने एवरेस्ट जैसे स्कोर को बौना साबित करके भारत को दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नौ विकेट की जीत दिलायी. भारत इस तरह से सात मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की.
कोहली ने तोड़ा सहवाग के सबसे तेज शतक का रिकार्ड

फिलिप ह्यूज ( 83 ), एरोन फिंच ( 50 ) और शेन वाटसन ( 59 ) ने मंच तैयार किया जिसे कप्तान जार्ज बैली ( नाबाद 92 ) और ग्लेन मैक्सवेल ( 53 ) ने अच्छी तरह से भुनाया. आस्ट्रेलिया इस तरह से भारतीय आक्रमण की धज्जियां उड़ाकर पांच विकेट पर 359 रन बनाने में सफल रहा. जब ऑस्ट्रेलिया की जीत पर दांव लग रहे थे तब रोहित और धवन ने पहले विकेट के लिये रिकार्ड 176 रन की साझेदारी करके भारत को बेहतरीन शुरुआत दिलायी. कोहली ने केवल 52 गेंदों पर शतक जड़कर नया भारतीय रिकार्ड बनाया और जो स्कोर पहाड़ जैसा लग रहा था भारत ने उसे 43 . 3 ओवर में एक विकेट पर 362 रन बनाकर पार कर दिया.

रोहित ने अपनी पारी में 123 गेंद खेली तथा 17 चौके और चार छक्के लगाये लेकिन वह कोहली थे जिन्होंने भारत की जीत बिल्कुल आसान बनायी. उन्होंने 52 गेंद की पारी में आठ चौके और सात छक्के लगाये. कोहली ने वीरेंद्र सहवाग के न्यूजीलैंड के खिलाफ हैमिल्टन में 2009 में 60 गेंद पर बनाये गये शतक का रिकार्ड भी तोड़ा. उन्होंने वनडे में सातवां सबसे तेज शतक भी लगाया.
लंबी पारी खेलना बेहद जरुरी था : रोहित
कोहली और रोहित ने दूसरे विकेट के लिये केवल 17 . 2 ओवर में 186 रन की अटूट साङोदारी की. उनकी इस तूफानी भागीदारी से भारत ने जहां सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का नया रिकार्ड बनाया वहीं आस्ट्रेलिया को दूसरी बार बड़ा स्कोर बनाने के बावजूद मुंह की खानी पड़ी. दक्षिण अफ्रीका ने 2006 में जोहानिसबर्ग में आस्ट्रेलिया के खिलाफ नौ विकेट पर 438 रन बनाकर जीत दर्ज की थी.

भारत ने इससे पहले मार्च 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ ढाका में बाद में बल्लेबाजी करते हुए 330 रन बनाकर जीत दर्ज की थी जो अब तक उसका सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड था. यही नहीं भारत ने नवंबर 2009 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ही हैदराबाद में बाद में बल्लेबाजी करते हुए 347 रन बनाये थे लेकिन तब वह तीन रन से हार गया था.

पिच बल्लेबाजी के लिये अनुकूल थी और उसमें दोनों टीमों की गेंदबाजी का कत्लेआम देखने को मिला. भारत के तीन गेंदबाजों इशांत शर्मा, और विनयकुमार और रविंदर जडेजा ने 70 या इससे अधिक रन लुटाये जबकि आस्ट्रेलिया की तरफ से मिशेल जानसन, क्लाइंट मैकाय, जेवियर डोहर्टी, जेम्स फाकनर सभी मुख्य गेंदबाज महंगे साबित हुए.
धवन और रोहित ने शुरु से ही गेंदबाजों पर हावी होने की रणनीति अपनायी और उन्होंने जो नींव रखी आखिर में वह मजबूत साबित हुइ. धवन का शुरु में भाग्य ने पूरा साथ दिया. जब वह 18 रन पर थे तब क्लाइंट मैकाय की गेंद पर विकेटकीपर ब्रैड हैडिन ने उनका कैच छोड़ा. इसके बाद 42 रन के निजी योग पर वह रन आउट की विश्वसनीय अपील से बचे.

भारत ने पहले पावरप्ले में ही स्कोर 69 रन पहुंचा दिया था. रोहित पहले 50 रन तक पहुंचे लेकिन धवन भी डोहर्टी के अगले ओवर में अपनी पारी का छठा चौका लगाकर 50 रन के पार पहुंच गये. इसके बाद उन्होंने अधिक तेजी दिखायी और जल्द ही अपने साथी बल्लेबाज से आगे निकल गये. जानसन, फाकनर और वाटसन किसी को भी धवन ने नहीं बख्शा.

बायें हाथ का यह बल्लेबाज हालांकि अपना चौथा शतक पूरा नहीं कर पाया. फाकनर की गुडलेंथ गेंद उनके बल्ले को चूमती हुई हैडिन के दस्तानों में चली गयी. धवन ने अपनी पारी में 86 गेंद खेली तथा 14 चौके लगाये. उन्होंने और रोहित ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले विकेट के लिये सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के 1998 में कानपुर में बनाये गये 175 रन की साङोदारी के रिकार्ड को तोड़ा.
कोहली ने आते ही लंबे शॉट खेलने शुरु कर दिये. उन्होंने डोहर्टी पर अपनी पारी का दूसरा छक्का जड़कर 30वें ओवर में स्कोर 200 रन के पार पहुंचा दिया. अब भारतीय बल्लेबाजों ने टी20 की शैली में बल्लेबाजी करना शुरु कर दिया था और छक्कों की बरसात होने लगी थी. कोहली ने हर गेंदबाज को कड़ा सबक सिखाया. सवाई मानसिंह स्टेडियम में उनकी बल्लेबाजी देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो यह दुनिया का सबसे आसान काम हो. रोहित ऐंठन के बावजूद कसर नहीं छोड़ रहे थे. उन्होंने जानसन पर चौका जड़कर अपना तीसरा और सलामी बल्लेबाज के रुप में पहला शतक पूरा किया.

कोहली ने भी जल्द ही अपना 16वां वनडे शतक पूरा किया जबकि रोहित ने पारी के 44वें ओवर में मैक्सेवल की तीन गेंदों पर चौका, छक्का और फिर चौका जड़कर भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया.इससे पहले आस्ट्रेलिया ने भारतीय सरजमीं पर अपना उच्चतम स्कोर बनाया. उसने इससे पहले 2009 में हैदराबाद में चार विकेट पर 350 रन बनाये थे. इसके साथ ही उसने भारत के खिलाफ सर्वोच्च स्कोर के अपने पिछले रिकार्ड की बराबरी भी की. आस्ट्रेलिया ने विश्व कप 2003 के फाइनल में दो विकेट पर 359 और फिर 2004 में वीबी सीरीज के मैच में सिडनी में चार विकेट पर 359 रन बनाये थे.

भारतीय गेंदबाज डेथ ओवरों में फिर से नाकाम रहे. उन्होंने आखिरी दस ओवरों में 122 रन लुटाये. तब बैली और मैक्सवेल ने केवल 8 . 3 ओवर में चौथे विकेट के लिये 96 रन जोड़ दिये. बैली ने अपनी नाबाद पारी में 50 गेंद खेली तथा आठ चौके और पांच छक्के लगाये.श्रृंखला में लगातार दूसरा अर्धशतक जमाने वाले फिंच ने जहां अपने आक्रामक तेवरों का इजहार किया. उन्होंने आफ स्टंप से बाहर की गेंद को सबक सिखाने में कोताही नहीं बरती. रैना ने उन्हें सीधे थ्रो पर रन आउट किया. फिंच ने 53 गेंद पर सात चौकों और एक छक्के की मदद से 50 रन बनाये. उन्होंने ह्यूज के साथ पहले विकेट के लिये 74 रन जोड़े.

ह्यूज ने इसके बाद वाटसन के साथ दूसरे विकेट के लिये 108 रन जोड़े. ह्यूज ने क्रीज पर समय बिताने में कुछ समय लिया लेकिन फिर अश्विन और जडेजा के खिलाफ अपने फुटवर्क का अच्छा इस्तेमाल करके रन बटोरे. उन्होंने अपनी पारी में 108 गेंद खेली तथा आठ चौके और एक छक्का लगाया.वाटसन ने पहले क्रीज पर पांव जमाये और फिर भारत के दोनों स्पिनरों को कड़ा सबक सिखाया.

उन्होंने बैकफुट पर जाकर मिडविकेट और डीप मिडविकेट पर अच्छे शॉट लगाये. उन्होंने 53 गेंद की अपनी पारी में छह चौके और तीन छक्के जड़े. इसके बाद बैली और मैक्सवेल का जलवा दिखा. मैक्सवेल ने केवल 32 गेंद खेली तथा सात चौके और एक छक्का लगाया.