नयी दिल्ली : रवि शास्त्री को भले ही सिर्फ आगामी बांग्लादेश श्रृंखला के लिए टीम निदेशक के पद पर बरकरार रखा गया हो लेकिन उनकी नियुक्ती से पहले बोर्ड अधिकारियों ने कुछ शीर्ष क्रिकेटरों के साथ अनौपचारिक चर्चा की जिन्होंने इस पूर्व ऑलराउंडर का पक्ष लिया. कुछ लोग अब भी सौरव गांगुली को हाई परफोर्मेंस […]
नयी दिल्ली : रवि शास्त्री को भले ही सिर्फ आगामी बांग्लादेश श्रृंखला के लिए टीम निदेशक के पद पर बरकरार रखा गया हो लेकिन उनकी नियुक्ती से पहले बोर्ड अधिकारियों ने कुछ शीर्ष क्रिकेटरों के साथ अनौपचारिक चर्चा की जिन्होंने इस पूर्व ऑलराउंडर का पक्ष लिया.
कुछ लोग अब भी सौरव गांगुली को हाई परफोर्मेंस मैनेजर या टीम निदेशक की भूमिका का प्रबल दावेदार मान रहे हैं लेकिन बीसीसीआई के विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि अधिकांश सीनियर क्रिकेटरों ने शास्त्री की मानव प्रबंधन क्षमताओं की काफी सराहना की.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने आज कहा, आप आश्वस्त हो सकते हैं कि बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों ने अनौपचारिक तौर पर विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाडियों से सहयोगी स्टाफ पर उनकी राय मांगी. पता चला है कि मौजूदा खिलाडियों के बीच शास्त्री काफी लोकप्रिय हैं और वे सामान्य तौर पर चाहते हैं कि वह अपने पद पर बने रहें. विराट कोहली के क्रिकइंफो वेबसाइट को दिए बयान से भी स्पष्ट हो गया है कि टीम और विशेष तौर पर कप्तान क्या चाहता है.
कोहली ने कहा, हम उनका टीम के साथ जुडना पसंद करेंगे, फिर भले ही वह अपनी मौजूदा भूमिका निभाते रहें. टीम के साथ उनके रहने से हमें बढ़ावा मिलेगा. उनका टीम के साथ रहना शानदार होगा. मुख्य कोच होगा या कौन होगा या इसके बारे में क्या करना है इस सभी पर उस समय चर्चा होगी जब हम बैठकर बात करेंगे. भारत की ओर से 80 टेस्ट और 150 वनडे खेलने वाले शास्त्री ने इंग्लैंड के हाथों टेस्ट श्रृंखला में 1-3 की शिकस्त के बाद टीम का साथ दिया और टीम इंडिया ने इसके बाद सीमित ओवरों की श्रृंखला में आसान जीत दर्ज की.
एक सूत्र ने कहा, अगर आप शास्त्री के प्रदर्शन पर गौर करो तो आप इसमें कमी कैसे निकाल सकते हो. युवा टीम ने आस्ट्रेलिया में अच्छी चुनौती दी, इंग्लैंड में वनडे श्रृंखला जीती और विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंची. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनका एक बुरा दिन रहा जो दुर्भाग्य से सेमीफाइनल था. क्रिकेट के समझदारी भरे दिगाम में साथ वह भारत में किसी की भी बराबरी कर सकते हैं. भारतीय टीम के तत्कालीन सहायक स्टाफ के एक सदस्य ने बताया कि विश्व कप के दौरान शिखर धवन के साथ शास्त्री के व्यक्तिगत सत्र की बायें हाथ के इस बल्लेबाज की सफलता में अहम भूमिका थी.
शास्त्री फिलहाल बांग्लादेश दौरे पर टीम के साथ जाने को राजी हो गए हैं लेकिन अब यह देखना होगा कि वह मजबूत टीम बनाने के लिए अगर लंबे समय की मांग करते हैं और बोर्ड अध्यक्ष जगमोहन डालमिया और सचिव अनुराग ठाकुर क्या करते हैं और साथ ही क्रिकेट सलाहकार पैनल के साथ काम करने का उनका रिश्ता कैसा रहता है.