आईपीएल आठ अपने अंतिम पड़ाव पर है. 24 मई को फाइनल मुकाबला होना है. इसके बाद टीम इंडिया का व्यस्त कार्यक्रम की शुरुआत होनी है. जून के पहले सप्ताह में ही भारतीय टीम को बांग्लादेश दौरे पर जाना है. इसके लिए भारतीय टेस्ट टीम और वनडे टीम की घोषणा हो चुकी है.
महेंद्र सिंह धौनी के अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद कोहली को टेस्ट टीम का कप्तान बनाया गया है. कोहली की अगुआई में भारतीय टीम को बांग्लादेश दौरे पर जाना है. विराट कोहली की आक्रामक क्षवि जग जाहीर है. मैदान पर उनका तेवर जिस तरह से रहता है वैसे में एक कप्तान के दौर पर विराट कोहली क्या टीम इंडिया को सही दिशा दे पायेंगें. क्या उनकी अगुआई में टीम इंडिया का भविष्य उज्जवल है. कई बार पूर्व क्रिकेटरों ने कोहली को आगाह किया है कि उन्हें अगर लंबे समय तक क्रिकेट में बिताना है तो तुनकमिजाजी पर लगाम लगाना होगा.
मौजूदा आईपीएल टीम रॉयलचैलेंसर्जबेंगलूर के कप्तान और भारतीय टेस्ट टीम के नवनियुक्त कप्तान विराट कोहली की मैदान में आक्रामक छवि किसी से छीपा नहीं है. कोहली जब मैदान पर होते हैं तो अपनी आक्रामक अंदाज में खेलते हैं, चाहे वह बल्लेबाजी हो या फिर फिल्डिंग या फिर कप्तानी.
एक खिलाड़ी के तौर पर तो कोहली का यह स्वभाव स्विकार्य है, लेकिन जब उनके कंधे पर टीम इंडिया का भार सौंपा गया है तो क्या इस स्वभाव से भारतीय टीम का भविष्य उज्जवल है? कोहली को विश्व कप से पहले ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गयी भारतीय टेस्ट टीम का नया कप्तान बनाया गया. महेंद्र सिंह धौनी के टेस्ट टीम से अचानक संन्यास ले लेने के बाद कोहली को टेस्ट टीम का भार सौंपा गया. हालांकि कोहली जैसे ही टेस्ट टीम के कप्तान बनाये गये, उन्हें ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम का सामना करना पड़ा. नतिजा रहा कि कोहली की अगुआई में भारतीय टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि इससे कोहली के खेल में थोड़ा तो बदलाव आया और पूरे विश्व कप में कोहली का बल्ला शांत रहा.
कोहली की तुलना में अगर धौनी की कप्तानी की बात की जाए तो धौनी कोहली से बिल्कुल अलग मिजाज के हैं. धौनी को कैप्टन कूल कहा जाता है. इसके पीछे कारण है कि चाहे जो भी स्थिति हो धौनी हमेशा शांत रहते हैं. इसके चलते धौनी आज भारत क्या दुनिया के सबसे सफल कप्तान के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं.
कोहली अगर शतक या अर्धशतक लगाते हैं तो बल्ले को चुम कर अपनी खुशी जाहिर करते हैं. उनकी कप्तानी में टीम जीतती है तो उनका तेवर देखने लायक होती है. मैदान पर खिलाडियों के साथ उनके व्यवहार को सभी जानते हैं. कई बार कोहली विरोधी टीम के खिलाड़ी के साथ उलझ जाते हैं. इसके चलते उन्हें कई बार पनिस्ट किया गया है.
एक कप्तान को टीम का मुखिया माना जाता है उसे हर परिस्थिति में टीम को एकजुट रखना पड़ता है,लेकिन खुद जब कोहली ऐसे तुनकमिजाजी हैं तो वह टीम को कैसे एकजुट रख पायेंगे. कोहली को अभी बांग्लादेश दौरे पर जा रही भारतीय टेस्ट टीम के लिए कप्तान बनाया गया है. वैसे में जब धौनी उस समय टीम का हिस्सा नहीं होंगे कोहली के कंधे पर ही पूरी टीम की जिम्मवारी होगी. वैसे में कोहली अगर अपने स्वभाव में बादलाव नहीं करते हैं तो टीम इंडिया को काफी परेशानी उठानी पड़ा सकती है.
* पूर्व क्रिकेटरों की नजर में कोहली
कोहली के आक्रमक तेवर का पूर्व खिलाडियों ने काफी आलोचना भी किया है तो उनके इस स्वभाव को कई पूर्व क्रिकेटरों ने स्विकारा भी है. भारत के पूर्व कप्तान भारत के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का मानना है कि तुनकमिजाज टेस्ट कप्तान विराट कोहली को मार्गदर्शन देने के लिये बीसीसीआई को एक ‘दमदार कोच’ की नियुक्ति करना चाहिये.
बेदी ने कहा, मेरा मानना है कि विराट को अच्छे कोच की जरुरत है जो उसे मार्गदर्शन दे सके. ऐसा कोच जो उसके मिजाज को काबू में रख सके. कोहली काफी जज्बाती है और उसे इस स्वभाव को बदलना होगा. क्रिकेट कोई कबड्डी या खो खो नहीं है. यदि आपको लंबे समय तक खेलना है तो आपको अपने मिजाज पर काबू रखना होगा.
वहीं पूर्व कप्तान कपिल देव ने विश्व कप से पहले कहा था कि विराट कोहली अगर शानादार खेल दिखाते हैं तो उनके आक्रामक तेवर से कोई लेना-देना नहीं है. पूर्व कप्तान सुनील गवास्कर ने कोहली के बारे में कहा था कि कोहली को अगर लंबे समय तक क्रिकेट खेलना है तो उन्हें अपने स्वभाव में बदलाव करना होगा. हालांकि टीम इंडिया के टीम निदेशक रवि शास्त्री हमेशा कोहली के इस तेवर का बचाव किया है.