मेलबर्न : दक्षिण अफ्रीका को दबाव में बिखर जाने के कारण भले ही चोकर्स का तमगा मिला हो लेकिन उनके कोच रसेल डोमिंगो ने कहा कि उनके खिलाडियों को मनोवैज्ञानिक की जरुरत नहीं है क्योंकि अच्छा कौशल होने से खिलाड़ी खुद ही मुश्किल परिस्थितियों से पार पा लेते हैं. डोमिंगो ने भारत के खिलाफ रविवार […]
मेलबर्न : दक्षिण अफ्रीका को दबाव में बिखर जाने के कारण भले ही चोकर्स का तमगा मिला हो लेकिन उनके कोच रसेल डोमिंगो ने कहा कि उनके खिलाडियों को मनोवैज्ञानिक की जरुरत नहीं है क्योंकि अच्छा कौशल होने से खिलाड़ी खुद ही मुश्किल परिस्थितियों से पार पा लेते हैं.
डोमिंगो ने भारत के खिलाफ रविवार को होने वाले मैच से पूर्व आज कहा, कोच के तौर पर मेरे डेढ साल के कार्यकाल में पिछले आठ नौ महीनों से हमारे पास मनोवैज्ञानिक नहीं है. मैं नहीं चाहूंगा कि मनोवैज्ञानिक हमेशा हमारे पास रहे.
पैडी (उपटन) एक कोच की तरह है. वह क्वालीफाइड खेल मनोचिकित्सक नहीं है. उन्होंने कहा, मैं अच्छे कौशल पर विश्वास करने वाला इंसान हूं. मेरा मानना है कि यदि आपके पास कौशल है तो फिर दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने के लिये मानसिक रुप से तैयार रहते हैं. यदि आप मानसिक रुप से मजबूत हो लेकिन कौशलपूर्ण नहीं हो तो आपको सफलता नहीं मिलेगी.
डोमिंगो ने कहा, आपका मानसिक रुप से मजबूत होने के साथ कौशलपूर्ण होना भी जरुरी है. यदि आप बल्लेबाजी, गेंदबाजी या क्षेत्ररक्षण में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हो तो फिर मुझे लगता है कि हम मुश्किल परिस्थितियों से भी उबर सकते हैं.