नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल मैचों के दौरान स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिये बीसीसीआई के दो सदस्यीय जांच दल को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार देने के बंबई उच्च कोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने से आज इंकार कर दिया.
न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमूर्ति जे एस खेहड़ की खंडपीठ उच्च कोर्ट के फैसले के खिलाफ क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की याचिका पर सुनवाई के लिये सहमति देते हुये क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार को नोटिस जारी किया. इस संगठन को दो सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देना है. इस याचिका पर अब 29 अगस्त को आगे सुनवाई होगी. क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार ने ही क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच दल के खिलाफ उच्च कोर्ट में याचिका दायर की थी.
उच्च कोर्ट ने 30 जुलाई को अपने निर्णय में इस जांच दल को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दे दिया था. इससे दो दिन पहले ही मद्रास उच्च कोर्ट के दो सेवानिवृत्त न्यायाधीशों टी जयराम चौता और आर बालासुब्रमणियन ने अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी थी जिसमें उन सभी को क्लीन चिट दी गयी थी जिनके खिलाफ उन्होंने जांच की थी.
इस जांच दल ने आईपीएल की टीम चेन्नै सुपर किंग्स के मालिक इंडिया सीमेन्ट्स लि, उसके पूर्व टीम प्रिसिंपल और बीसीसीआई के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स के संयुक्त मालिक राज कुन्द्रा के खिलाफ आरोपों की जांच की थी. स्पाट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण सामने आने पर बीसीसीआई ओर आईपीएल की गवर्निंग काउन्सिल ने इस जांच दल का गठन किया था.