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कुंबले ने विदेशी दौरे के लिए गेंदबाजों के चुनाव पर उठाया सवाल

नयी दिल्ली : ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर भारतीय गेंदबाजों ने जिस तरह से खराब प्रदर्शन दिखाया है उसके बाद अब विवादों का दौर आरंभ हो गया है. पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने विदेशी दौरे पर जाने वाली टीम में गेंदबाजों के चयन पर सवाल उठाया है. कुंबले ने कहा कि विदेशी दौरों में अंतिम एकादश […]

नयी दिल्ली : ऑस्‍ट्रेलिया दौरे पर भारतीय गेंदबाजों ने जिस तरह से खराब प्रदर्शन दिखाया है उसके बाद अब विवादों का दौर आरंभ हो गया है. पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले ने विदेशी दौरे पर जाने वाली टीम में गेंदबाजों के चयन पर सवाल उठाया है.

कुंबले ने कहा कि विदेशी दौरों में अंतिम एकादश में गेंदबाजों का चयन करते समय भारतीय क्रिकेट टीम प्रबंधन की मानसिकता बदलनी चाहिए और उसे अधिक लचीला रवैया अपनाना चाहिए.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल में समाप्त हुई चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और उन्हें कडी आलोचना झेलनी पडी. कुंबले ने कहा कि कुछ आलोचना जायज है.

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, हमारे पास कई अच्छे गेंदबाज हैं. केवल यह पता करने की जरुरत है कि कौन टेस्ट प्रारुप में सामंजस्य बिठा सकता है और फिर उसे अपने चार सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का चयन करो जिनको लेकर आपको लगता है कि वे 20 विकेट ले सकते हैं. कुंबले ने कहा कि विदेशी दौरों में अंतिम एकादश का चयन करते समय कोई लचीलापन नहीं रहता और हर समय तीन तेज गेंदबाज और एक स्पिनर का फार्मूला नहीं चल सकता.

भारत की तरफ से टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज ने कहा, हम विमान में बैठते ही तय कर लेते हैं कि हम तीन तेज गेंदबाज और एक स्पिनर के साथ उतरेंगे. यह मानसिकता है. यदि दो स्पिनर और दो तेज गेंदबाज 20 विकेट ले सकते हैं तो फिर इसे आजमाओ. यदि तीन स्पिनर और एक तेज गेंदबाज के साथ उतरना उचित लगता है तो वैसा करो.

कुंबले ने एडिलेड टेस्ट का उदाहरण दिया जहां की पिच से बल्लेबाजों को मदद मिल रही थी और मैच बढने के साथ उससे स्पिनरों को मदद मिलने लग गयी थी. भारत उस मैच में कर्ण शर्मा के रुप में एकमात्र स्पिनर के रुप में उतरा था.

उन्होंने कहा, तब ऑस्ट्रेलिया के लिये विकेट किसने लिये. यदि आप चोटी के दो गेंदबाजों को देखो तो उसमें एक स्पिनर और एक तेज गेंदबाज है. ऑस्ट्रेलियाई ऑफ स्पिनर नाथन लियोन ने श्रृंखला में सर्वाधिक 23 विकेट लिये. कुंबले का मानना है कि सीमित ओवरों के बहुत अधिक मैच खेलने के कारण भारतीय गेंदबाज टेस्ट मैचों में अनुशासित गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं.

उन्होंने कहा, आप लगातार बल्लेबाज के इरादों के बारे में सोच रहे हो क्योंकि आपको लगता है कि वह अपने शाट खेलेगा. आप वनडे क्रिकेट में ऐसा करते हो. टेस्ट क्रिकेट में आपको लाइन और लेंथ से गेंदबाजी करनी होती है. यह बहुत सरल है और आपको लगातार ऐसा करना होता है.

इस प्रारुप में अधिक से अधिक खेलने पर ही आपको यह सीख मिलेगी. किसी दौरे पर जाने से पहले आपका रवैया किस तरह का है यह इस पर भी निर्भर करता है. कुंबले ने कहा, एक बहुत सरल बात है जिस पर विचार करने की जरुरत है. टेस्ट क्रिकेट में दबाव बनाना महत्वपूर्ण है और आप जितनी देर तक दबाव बनाकर रखोगे उतनी आपको सफलता मिलेगी.

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