नयी दिल्ली: आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले से आहत पूर्व स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना ने कहा है कि इससे भारत में खेल की लोकप्रियता पर असर नहीं पड़ेगा लेकिन दुख इस बात का है कि क्रिकेट अब ‘भद्रजनों का खेल’ नहीं रह गया है.
प्रसन्ना ने कहा ,‘‘ यह कहना गलत है कि इस नये विवाद से भारतीय क्रिकेट पर कोई असर पड़ेगा. ऐसा नहीं होगा क्योंकि भारत लोग क्रिकेट के दीवाने हैं और आईपीएल में खचाखच भरे स्टेडियमों ने यह साबित कर दिया. मुझे दुख इस बात का है कि यह अब भद्रजनों का खेल नहीं रह गया.’’ उन्होंने कहा ,‘‘ सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में क्रिकेट में अनचाहे तत्व आ गए हैं.
हमारे समय में क्रिकेटर इतने ईमानदार होते थे कि आउट होने पर अंपायर के इशारे से पहले खुद लौट जाते थे लेकिन अब ऐसे उदाहरण कहां मिलते हैं.’’ भारत के लिये 1967 से 1978 के बीच 49 टेस्ट में 189 विकेट ले चुके प्रसन्ना ने कहा कि क्रिकेट में अब आर्थिक पहलू प्रमुख हो गया है जिससे फिक्सिंग जैसी बुराइयां इसमें घुस गई है. उन्होंने क्रिकेट में सट्टेबाजी को वैध बनाने की संभावना पर गौर करने की सलाह दी. उन्होंने कहा ,‘‘ जिस तरह से घुड़दौड़ में सट्टेबाजी वैध है , उसी तरह से क्रिकेट में इस संभावना पर गौर किया जाना चाहिये. इसमें घुड़दौड़ का अनुकरण किया जा सकता है. अगर इससे खेल का भला होता है तो क्यों नहीं.’’