कोलकाता : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के आला अधिकारियों के बीच वैचारिक मतभेद एक बार फिर उभरकर सामने आए जब अफगानिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिल टेस्ट के कार्यक्रम को लेकर कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और वरिष्ठ सदस्य राजीव शुक्ला से किसी तरह का सलाह मशविरा नहीं किया गया.
बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी ने आज घोषणा की कि भारत और अफगानिस्तान के बीच 14 से 18 जून तक टेस्ट मैच खेला जाएगा तो अफगानिस्तान का पहला टेस्ट होगा. बीसीसीआई के संविधान के अनुसार सामान्य परंपरा यह है कि अंतरराष्ट्रय मैच के आयोजन स्थल और तारीख को लेकर कोई भी फैसला दौरा और कार्यक्रम उप समिति करती है.
अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष इस समिति के पदेन सदस्य होते हैं जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शुक्ला भी इस समिति में शामिल हैं. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘हां, किसी ने भी इस फैसले को लेकर पदाधिकारियों से सलाह मशविरा नहीं किया क्योंकि किसी ने भी प्रोटोकाल के अनुसार उप समिति की बैठक नहीं बुलाई.
अफगानिस्तान से खेलने का फैसला आम सभा (दिसंबर में एसजीएम में) में किया गया और अब तारीख तथा स्थल की घोषणा के दौरान सदस्यों की अनदेखी की गई.’ शुक्ला प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थे लेकिन पुष्टि की जा सकती है कि उन्हें इस फैसले की जानकारी नहीं थी.
जौहरी भी प्रतिक्रिया के लिए अनुपलब्ध थे लेकिन सचिव चौधरी के करीबी अधिकारी ने बताया कि फिलहाल दौरा और कार्यक्रम समिति से स्वीकृति लेने की कोई जरूरत नहीं है.