झारखंड में शिक्षा के हरेक स्तर में शिक्षकों की कमी के कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के आयामों के लक्ष्य को प्राप्त करना टेढ़ी खीर साबित होगा. ये जानते हुए भी शिक्षकों की नियुक्ति में पिछले कुछ वर्षों से सिर्फ घोषणाएं ही सरकार द्वारा की जा रही है. इतना ही नहीं राज्य की शिक्षा मंत्री स्वयं एक शिक्षाविद हैं. झारखंडवासियों की उम्मीद उनसे और भी ज्यादा है. परंतु मान्यवर मंत्री जी की विशिष्टता और उनके द्वारा उठाये गये कदम झारखंड के शिक्षा विकास हेतु नाकाफी है,
आशीश कुमार, बरकीपूनू