मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद कालेधन वालों की कमर टूट गयी है और उनके वर्षों की काली कमाई बेकार हो गयी है. ये लोग अपनी काली कमाई को सफेद करने की हर संभव प्रयास कर रहे हैं, पर सरकार भी चौकन्नी है. हर जमा और निकासी पर पैनी नजर बनाये हुए है.
अब बेनामी संपत्ति पर वार काले धन के खात्मे के लिए बने ताबूत में अंतिम कील साबित होगी. लेकिन निकट भविष्य में यह संभावना है कि काले धंधेबाज अपने ध्वस्त विरासत को फिर से बनाने के लिए अपने काले धंधो को गति दे सकते हैं, जिससे कालाबाजारी, रिश्वतखोरी, जमाखोरी जैसी घटनाएं बढ जाए. इसलिए सरकार को चाहिए कि अपने प्रशासनिक तंत्र को चौकस रखे ताकि इन पर लगाम लगाया जा सके.
मोहम्मद नेहालुद्दीन, वासेपुर, धनबाद