आजकल तमाम टीवी चैनलों पर केंद्र सरकार का एक विज्ञापन बार-बार दिख रहा है, जिसमें कांग्रेस के एक पूर्व प्रधानमंत्री के नाम से शुरू योजना के तहत सबको बिजली, पानी जैसी सुविधाओं से युक्त आवास दिये जाने की बात कही जा रही है.
लेकिन इसी विज्ञापन में एक बुजुर्ग को यह कहते भी दिखाया गया है कि यह सब वादे झूठे हैं और इन्हें सुनते-सुनते मेरी इतनी उम्र गुजर गयी है. उस बुजुर्ग के कहने का साफ मतलब है कि ये वादे झूठे हैं और सरकारें ऐसे ही चुनाव के पहले लोगों को उल्लू बनाती रहती हैं.
बात ठीक भी है क्योंकि जब इसी पार्टी की सरकार लगभग 50 साल देश पर राज करने के बाद भी लोगों को घर, पानी, बिजली और शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरतों को उपलब्ध कराने में असमर्थ रही, तो फिर इस पर आगे कैसे भरोसा किया जाये? क्या जनता को मूर्ख बनाना इतना आसान है?
धर्मेद्र सिंह, ई-मेल से