झारखंड के पिछड़ेपन का मुख्य कारण यहां के नेतृत्व की कमी है. राज्य बने 13 साल हो गये हैं, लेकिन यहां की स्थिति जस की तस है. वहीं, बिहार ने अपने विकास की दर को देश में नंबर एक की स्थिति में ला खड़ा किया है. झारखंड बनने के बाद बिहार के पास केवल कृषि ही बची, जबकि झारखंड के हिस्से प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार और साथ ही बीएसएल़, टाटा, एचइसी़, कोल इंडिया, पतरातू थर्मल पावर स्टेशन, डीवीसी आदि अनेक उद्योग-धंधे आये.
फिर भी यहां की जनता गरीब है. अत: इस राज्य के विकास हेतु ऐसे नेतृत्व की जरूरत है, जो इसे अन्य राज्यों की श्रेणी में इसे लाकर खड़ा कर सके. नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी, चंद्रबाबू नायडू, मनोहर र्पीकर, रमन सिंह जैसे नेताओं ने अपने राज्यों को फर्श से अर्श पर पहुंचाया है, हमें भी ऐसा तलाशना होगा.
अनिल कुमार, धनबाद