समय बदल रहा है, देश बदल रहा है, लोग बदल रहे हैं, नीतियां बदल रही हैं और लोगों की मांग बदल रही है. कोई चाहता है सरकार बदल जाये, कोई चाहता है देश बदल जाये तो कोई चाहता है कि जाति-धर्म बदल जाये़
जब ऐसी ही संभावनाओं की बाढ़ आ ही रही है तो निश्चित ही केंद्र सरकार को भी बदलाव की तरफ कुछ ऐसे कदम उठाने चाहिए जिससे अभिव्यक्ति की आजादी का दुरुपयोग करनेवाले और देश का विकास भूल कर जाति-धर्म की डुगडुगी बजाकर जनता का तमाशा बनाने वालों पर अंकुश लगे. देश का विकास करना है तो नियम बनाने से अधिक उसके अनुपालन की सही स्थिति पर जोर देना चाहिए.
संघर्ष यादव, ई-मेल से