आज के समय में देश-दुनिया में बढ़ते अपराध की बड़ी बजह बढ़ती बेरोजगारी है़ आम तौर पर अधिकांश व्यक्ति अपराध की इस घिनौनी दुनिया में केवल इसीलिए आते हैं क्योंकि उन्हें अपनी आजीविका चलाने का सबसे सुगम व बेहतर तरीका यही प्रतीत होता है.
अपराधियों में ऐसे लोग भी होते हैं जो शिक्षित व योग्य होकर तमाम कोशिशों के बावजूद नौकरी व मनचाहे पद हासिल करने में नाकाम हो जाते हैं. इसकी भड़ास भी उन्हें अपराध की अंधेरी दुनिया की ओर धकेल देती है. यदि राष्ट्र को अपराधरहित व खुशहाल बनाना है तो बेरोजगारी से निजात पाना जरूरी है.
आदित्य शर्मा, दुमका