झारखंड में एकमात्र टेट परीक्षा 2013 में आयोजित की गयी थी. परीक्षा हुए तीन साल पूरे होने को हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से परीक्षा के दोबारा आयोजन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है.
सरकार की लेट-लतीफी से राज्य के लाखों बेरोजगारों का भविष्य दावं पर है. सरकार अभी तक पहली बार हुई टेट परीक्षा की नियुक्ति प्रक्रिया को पूरी करने में ही लगी है. अब तो ऐसा प्रतीत होने लगा है कि राज्य की कुंभकर्णी सरकार को जगाने के लिए शिक्षित बेरोजगारों को भी न्यायालय की शरण में जाने व धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.
हालांकि, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत यह परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित करने का प्रावधान है. इसी आधार पर सी-टेट परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाती है, लेकिन राज्य सरकार कोताही बरत रही है.
-संजय ठाकुर, रामगढ़