गुमला में पिछले दिनों एक प्रधानाध्यापक की नृशंसतापूवर्क हत्या कर दी गयी. वैसे तो ऐसी खबरें आमतौर पर आती ही रहती हैं कि फलां जगह शिक्षक की पिटाई से छात्र की मृत्यु हो गयी या छात्र ने शिक्षक को पीटा. लेकिन कोई अगर कॉलेज में दिनदहाड़े अपने ही प्रधानाध्यापक की हत्या कर दे, तो साफ है कि वह छात्र या छात्र समूह किस प्रकार के मानसिक दिवालियेपन से गुजर रहा होगा.
यह कायराना, कुत्सित एवं दुस्साहसी कार्य संपूर्ण छात्र समुदाय के लिए शर्मनाक है. ऐसे असहिष्णु मानसिक रूप से पंगु छात्र सिर्फ स्वकुलनाशक नहीं, अपितु समाज एवं देश के शत्रु होते हैं और इन्हें समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है. इस प्रकार की घटनाओं का सामाजिक प्रतिकार आवश्यक एवं अपेक्षित है.
– प्रणव प्रकाश मिश्र, चुट्टू, रांची