लालू यादव के जेल जाने से बिहार-झारखंड की राजनीति का प्रभावित होना निश्चित है. चूंकि अभी पांच राज्यों में चुनाव होने हैं, इसलिए फिलहाल कुछ उठा-पटक देखने को नहीं मिलेगी. लेकिन बिहार में कांग्रेस और जदयू का मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ना संभावित है, जिससे दोनों को लाभ ही होगा, इसलिए आगामी लोकसभा चुनावों में यह देखने को मिल सकता है.
लेकिन साथ ही, लोजपा भी ऊहापोह में लग रही है क्योंकि उनका अब राजद के साथ बने रहना शायद मुश्किल हो, क्योंकि लालू के जेल में रहने के कारण राजद का कमजोर होना निश्चित है. वजह है कि लालू के बिना लालू की राजनीति भी प्रभावित होगी और न पूरी तरह ‘एम’ लालू के साथ रहेगा और न ही ‘वाइ’. जहां ‘एम’ कांग्रेस-जदयू के खाते में जायेगा, वहीं ‘वाई’ को लपकने की कोशिश में लोजपा रहेगी.
डॉ भुवन मोहन, हिनू, रांची