पाकिस्तान सैनिकों ने भारतीय सैनकों के सिर कलम किये, तो इस पर मनमोहन सिंह ने कहा– पाकिस्तान अपनी हरकत से बाज आये. अब भारत के पांच सैनिक मारे गये, तो इस पर मैडम जी की आवाज आयी– भारत चुप नहीं बैठेगा. बस हो गयी बयानबाजी. पाकिस्तान भी खुश और भारत भी खुश. गमगीन कौन? वो मां–बाप जिन्होंने बेटा खोया. वो मित्र जिसका दोस्त चला गया.
वो सैनिक जिसने अपना चहेता साथी खोया. वो बहन जिसने प्यारा भाई खोया. वो पत्नी जो उसका हर पल इंतजार करती थी. देश में जगह–जगह विरोध होता है, फिर कुछ दिन में शांत हो जाता है. फिर कोई नयी घटना हो जाती है, तो फिर विरोध या आंदोलन होते हैं, वे भी कुछ दिन में शांत हो जाते हैं. देशवासियों को किसी भी समस्या का हल इस सरकार ने दिया हो, तो कोई बताये.
देश की सत्ता में बैठे नेताओं के भ्रष्टाचार ने देश की वह हालत कर दी कि देश पर जान न्योछावर करनेवाले भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे अनगिनत क्रांतिकारी सोच रहे होंगे कि क्या हमारा बलिदान बेअसर रहा? अब बयानों से कुछ नहीं होगा, बॉर्डर पर युद्ध करो और हालात बदलो.
।। विकास ओझा ।।
(गोलमुरी, जमशेदपुर)