देश के जिन पैंसठ सांसदों ने गुजरात के मुख्यमंत्री व भाजपा लोकसभा चुनाव समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी के विरुद्ध अमेरिकी वीजा न देने की मांग करते हुए बराक ओबामा को चिट्ठी लिखी है, वे कभी देश के हितैषी नहीं हो सकते. ऐसी गुलाम मानसिकतावाले सांसदों से देशवासियों को सावधान हो जाना चाहिए. अगर सही मायने में नरेंद्र मोदी देशहित में खतरे का संकेत हैं, तो उन तमाम सांसदों को चाहिए कि वे चुनावी दंगल में कूद कर मोदी का सामना करें, न कि घर का भेदिया बन कर भारत को ढाहने का काम करें. और ओबामा कोई साधारण शासक तो हैं नहीं, जिन्हें ऐसे सांसदों का सुझाव चाहिए. उनका दिमाग इन राजनेताओं से कई गुना अधिक विकसित है और वे भारत के भ्रष्ट राजनेताओं से परिचित भी हैं.
यह कितनी शर्मनाक बात है कि एक उभरते हुए चेहरे को नीचा दिखाने के लिए हमारे देश के सांसद दूसरे राष्ट्राध्यक्ष से याचना करते हैं. इनकी इस करतूत से यह साबित होता है कि उन्होंने मोदी के समक्ष अपने हथियार डाल दिये हैं और यह मान चुके हैं कि वे अपने दम पर मोदी का कुछ बिगाड़ नहीं सकते.
।। बैजनाथ प्र महतो ।।
(बोकारो)