23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पब्लिक ट्रांसपोर्ट से ही बेहतर भविष्य

बिहार सरकार ने पटना में मेट्रो चलाने की अंतिम तारीख तय कर दी है. एक अन्य खबर के मुताबिक, झारखंड सरकार रांची में मोनो रेल चलाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. जबरदस्त ट्रैफिक दबाव के कारण ये दोनों शहर कराह रहे हैं. मेट्रो, मोनो रेल या इसी तरह के अन्य आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट […]

बिहार सरकार ने पटना में मेट्रो चलाने की अंतिम तारीख तय कर दी है. एक अन्य खबर के मुताबिक, झारखंड सरकार रांची में मोनो रेल चलाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है. जबरदस्त ट्रैफिक दबाव के कारण ये दोनों शहर कराह रहे हैं. मेट्रो, मोनो रेल या इसी तरह के अन्य आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इंतजाम ही दोनों राजधानियों के वासियों को राहत दिला सकता है.

पहले दिल्ली, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, फिर मुंबई और जयपुर में मेट्रो व मोनो रेल जैसे पब्लिक ट्रांसपोर्ट केवल इस मायने में ही सफल नहीं रहे कि लोगों के लिए आवागमन आसान हो गया, बल्कि इसका असर पर्यावरण से लेकर जीवन शैली तक पर भी पड़ा है. रांची व पटना की सड़कों पर जिस तरह से ट्रैफिक का दबाव बढ़ा है, उसका असर शहर के लोगों के जन-जीवन पर भी तेजी से पड़ रहा है. पटना की सड़कों पर बिछ रहे फ्लाई ओवरों के जाल से यातायात आसान होने बदले और दुरूह हो रहा है. फ्लाई ओवरों के कारण यातायात के पुराने साधन साइकिल व रिक्शा चल ही नहीं सकते हैं. सड़कों के विस्तार ने फुटपाथ को भी खत्म कर दिया. मतलब पैदल चलना भी दुश्वार हो गया है.

रांची के राजधानी बनने के बाद भी बहुत ही अनियोजित विकास हुआ. इसका असर हुआ कि राजधानी की सड़कें हांफने लगी है. जाम से मुक्ति की खातिर जो भी योजनाएं हैं, वह अगले दस साल की सहूलियत की भी गारंटी नहीं ले सकती हैं. पूरी ट्रैफिक व्यवस्था को सिग्नल-मुक्त करने की कवायद में खर्च ज्यादा व नतीजा कम मिलना तय है. ऐसे में बिहार सरकार का मेट्रो प्रोजेक्ट की ओर बढ़ना, यहां के लोगों के लिए बड़ी राहत की बात है.

अब पटना व रांची के लिए आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट जल्द ही मुहैया हो, इसके लिए मेट्रो मैन ई श्रीधरन जैसे लीडर की खोज करनी चाहिए. बगैर श्रीधरन जैसी शख्सीयत के मेट्रो या मोनो रेल का सपना साकार नहीं हो सकता है. मेट्रो मैन जैसी शख्सीयत व राजनीतिक इच्छाशक्ति से ही मेट्रो जैसी बड़ी परियोजनाओं को पूरा किया जा सकता है. बिहार और झारखंड दोनों राज्यों के लिए यह बड़ा सवाल है कि परियोजना को जैसे-तैसे पूरा करना है या फिर पूरी संजीदगी से काम करना है जिसमें जनता की सहूलियत को सर्वोपरि रखा जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें