हमारा समृद्ध प्रदेश झारखंड 14 वर्षो से लुटता रहा. यहां यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि प्रदेश को किन-किन लोगों ने लूटा. एक बार फिर झारखंड विधानसभा चुनाव हमारे सामने है और लुटेरे पुन: पांच साल के लिए अपना लाइसेंस नवीकरण की फिराक में हैं. 14 साल से किसी न किसी रूप में छले जा रहे हैं.
जेपीएससी अभी तक 14 वर्ष में मात्र चार परीक्षा ही आयोजित कर पाया है और इस कारण उसका सेशन काफी पीछे चल रहा है. साथ ही, जेपीएससी ने जो इस वर्ष पंचम सिविल सेवा की पीटी परीक्षा ली है, उसमें सम्मिलित अधिकतर पद बैकलॉग के हैं. इन परिस्थितियों में आयोग द्वारा उम्र सीमा 40 वर्ष होनी चाहिए. हम उम्रसीमा से बाहर चल रहे हैं जबकि उत्तर-प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, केरल आदि राज्यों में सिविल सेवा परीक्षाओं में सम्मिलित होने के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष रखी गयी हैं.
आनेवाली सरकार को इन बातों पर ध्यान देना होगा. पहला, सभी रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाये. दूसरा, जिन विभागों में जरूरत हो, वहां नये पदों का सृजन जल्द से जल्द कर उन्हें भी भरा जाये. तीसरा, झारखंड में सभी सरकारी सेवा परीक्षाओं में सामान्य वर्ग के लिए सम्मिलित होने के लिए अधिकतम उम्र सीमा 40 वर्ष की जानी चाहिए. अगर ऐसा हुआ तब ही हम झारखंड में रोजगार प्राप्त करने में सक्षम हो पायेंगे और हमें अन्य राज्यों में रोजगार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. इसके लिए हम सबको मिल कर अपनी अभिव्यक्ति और भावनाओं को प्रकट करे इसके लिए हम धरने आदि, हड़ताल कर स्थानीय और राष्ट्रीय दलों पर दबाव डालने चाहिए. बेरोजगार भाइयों को मिल-जुल अपनी ताकत दिखानी होगी, तब जाकर झारखंड का विकास होगा.
संजय कुमार, जमशेदपुर