आज इनसान की जिंदगी नेता जी की भैंस और कटहल से भी गयी-गुजरी हो गयी है. एक आम इनसान के साथ कभी भी, कहीं भी और कोई भी अप्रिय घटना घट जाती है. कई बार तो वह जानलेवा भी साबित हो जाती है. लेकिन जनता के सुख-दुख की साथी पुलिस उतनी फिक्रमंद नहीं होती.
सक्षम लोगों के दबाव डालने या पूछने पर रटा-रटाया जबाव देती है कि मामले की जांच चल रही है, जबकि किसी नेता की भैंस या कटहल चोरी हो जाये तो पूरा पुलिस विभाग मामले को गंभीरता से लेता है और फिंगर प्रिंट से लेकर अन्य फोरेंसिक जांच में भी कोताही नहीं बरती जाती है. पुलिस तुरंत कार्रवाई करते हुए मंत्री जी की भैंसों को खोज निकालती है. यह हमारी विडंबना ही है जो आज हमारे स्वतंत्र भारत में आम जनता की जिंदगी नेताजी की भैंस और कटहल से भी सस्ती हो गयी है.
अमित कुमार, धनबाद