।। सत्य प्रकाश चौधरी ।।
प्रभात खबर, रांची
भारत को भगवान चलाते हैं. पर कुछ नादान यह समझते नहीं, और बेवकूफी करते रहते हैं. पिछले दिनों गरमी से बिलबिला रहे लोगों ने भी कुछ ऐसा ही किया. उन्होंने सड़क जाम और बिजली दफ्तरों में तोड़-फोड़ शुरू कर दी. वे भगवान पर भरोसा करने के बजाय इनसान की बनायी बिजली और उससे चलनेवाले पंखे, कूलर व एसी से आस लगा बैठे. वे भूल गये कि गरमी, जाड़ा, बरसात तो खुदा का खेल है, इसमें इनसानी दखल कहां? अब देखिए, यशवंत सिन्हा जी जेल की हवा भी खा आये, पर बिजली तो जस की तस है.
उनको भरोसा करना चाहिए था कि भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं. इनसान की बनायी बिजली भले तरसा रही हो, पर इंद्र भगवान मेहरबान हो गये. बारिश ने मौसम ऐसा कर दिया है कि दुपहरिया में भी चौक-चौराहे पर अड्डेबाजी की जा सकती है. न यकीन हो तो पप्पू पनवाड़ी की दुकान पर आ जाइए. जोरदार मजमा लगा हुआ है. जो रोज पान की पुड़िया लपेटवा कर फटाफट भागने के चक्कर में रहते थे, वे आज मुंह में दबा पान पूरा खत्म होने से पहले दुकान से टलने के मूड में नहीं हैं. पनकुच्चन के साथ बतकुच्चन भी चल रहा है.
पप्पू बोले, ‘‘ई बड़ा गलत हो रहा है, इराक में अपने देस का लोग फंसा हुआ है और उन्हें निकालने के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है. नर्स का काम करने जो औरतें गयी हैं, कम से कम उनको तो तुरंत निकालना चाहिए.’’ मुन्ना बजरंगी तिलमिला गये, ‘‘ज्यादा काबिल न बनो, खूाब बूझ रहे हैं. वहां सब तुम्हारे सगेवाले फंसे हैं न! अरे तुमको तो बस मोदी जी की बुराई करने का मौका चाहिए. वहां बम-गोला फूट रहा है, उसमें तुम जाओगे निकालने?’’ तभी रुसवा साहब डरते-डरते बोले, ‘‘लेकिन, मोदी जी तो फंसे लोगों को निकालने के विशेषज्ञ हैं. अभी एक साल हुआ और भूल गये कि उत्तराखंड में 15 हजार लोगों को मोदी जी ने कैसे सिर्फ दो दिन में निकाल लिया था.’’ पप्पू ने कहा, ‘‘ऊ सब तो गुजराती थे न, इसलिए निकाल लिया था.
अभी जो फंसे हैं वो केरल, पंजाब और न जाने कहां-कहां के हैं.’’ मुन्ना बजरंगी भड़क उठे, ‘‘आप लोग क्या समझ रहे हैं कि मोदी जी हाथ पर हाथ धरे बैठे होंगे. एक-एक आदमी को निकालने का पूरा प्लान तैयार कर रहे होंगे. मोदी जी कोई काम करने से पहले पूरा प्लान बनाते हैं.’’ रुसवा साहब फुसफुसाये, ‘‘हां, प्लान तो खूब बनाते हैं. उत्तराखंड से 15 हजार लोगों को निकालने की फरजी खबर भी प्लान का हिस्सा थी, ताकि चुनाव से पहले मोदी जी अपनी छवि सुपरमैन की बना सकें.’’ लेकिन मुन्ना-पप्पू संवाद के बीच उनकी फुसफुसाहट गुम हो गयी. पप्पू बोले, ‘‘कहीं ऐसा न हो कि प्लान बनाने के चक्कर में बड़ी देर कर दी हुजूर आते आते.. वाली बात हो जाये.’’ मुन्ना समझदार आदमी हैं, इसका सबूत है यह जवाब, ‘‘देखिए, अकबकाने से कुछ नहीं होता, भगवान पर भरोसा रखिए.’’