भाजपा के बाद ही अब ‘आप’ का नंबर आ सकता है क्योंकि जिस तरह कांग्रेस के कुशासन ने भाजपा को सत्ता दिलायी है, ठीक उसी तरह भाजपा के कुशासन के बाद ही आम आदमी पार्टी का भी सत्ता में आ सकती है. अभी यह बिलकुल नहीं लगता कि भाजपा भी कांग्रेस जैसी कोई गलती करेगी, लेकिन समय और हालात बदलते कोई देर भी नहीं लगती है.
बड़ा दु:ख और दुर्भाग्य तो यह है कि जिस अन्ना आंदोलन से यह पार्टी निकली थी, उससे देश की ढेर सारी आशाएं जुड़ी थीं. अंत में यह झूठ के पुलिंदे के अलावा कुछ भी नहीं निकली. यह तो वही हुआ कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया. वह भी मरी हुई. पार्टी से शाजिया इल्मी जैसी हस्तियों का जाना और योगेंद्र यादव व आशुतोष जैसे लोगों का इसमें घिसे-पिटे चेहरों के नेतृत्व के नीचे टिकना हैरत में डालता है. जाने क्या होगा ‘आप’ का.
वेद प्रकाश, दिल्ली