तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित वेदांता ग्रुप के स्टरलाइट कॉपर इकाई के खिलाफ जनता के प्रदर्शन को बर्बरतापूर्वक दबा दिया गया. इतना ही नहीं वहां की पुलिस ने अब तक 11 लोगों की जान ले ली. सरकार का दावा है हिंसा एवं तोड़फोड़ को रोकने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी. फिर प्रदर्शन इतना उग्र कैसे हो गया? जब एक कारखाना खुलता है, तो लोगों को रोजगार मिलता है, फिर लोग विरोध क्यों कर रहे हैं, इसके बारे में सरकार ने कभी सोचा है?
इस प्लांट से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा था. कुछ साल पहले इसमें से गैस का रिसाव हुआ था, जिसके बाद तत्कालीन सीएम जयललिता ने इसे बंद करने का आदेश दिया था. मगर, उस आदेश का पालन नहीं किया गया. समझ नहीं आता है कि सरकारें आम जनता की बात सुनने की बजाय गोलियों की भाषा में क्यों बात करना चाहती है, वह लोगों को बागी बनाने पर क्यों आमादा है.
जंग बहादुर सिंह, इमेल से