देश में फरवरी-मार्च-अप्रैल का माह छात्रों के लिए शायद सबसे कठिन या कहें महत्वपूर्ण होता है. इसी माह में प्रारंभिक शिक्षा से लेकर ऊपरी कक्षा की परीक्षाएं ली जाती हैं. फिर इन इम्तिहानों के प्राप्तांको से छात्र खुद को या कभी-कभी अभिभावक अपने बच्चों को आंकने की भूल कर देते हैं.
हमारे देश में ऐसा हजारों बार हुआ होगा, जब विद्यार्थी अनुमानित अंक प्राप्त न कर पाने या अभिभावकों द्वारा डांट देने की वजह से खुद को हारा हुआ मान कर या दबाव में आकर खुदखुशी कर लेते हैं. वे यह ध्यान नहीं रखते कि कुछ अंक कम आने से उनकी हार नहीं होती. यह उनकी जिंदगी की अंतिम परीक्षा नहीं थी. हर मनुष्य में कुछ न कुछ प्रतिभा जरूर होती है. जरूरत है अपनी प्रतिभा को पहचानने की और उस क्षेत्र में सच्चे मन से मेहनत करने की.
उत्सव रंजन, नीमा, हजारीबाग