शिक्षा के पेशे में मुनाफाखोरी की बेतहाशा लिप्सा ने स्कूल प्रबंधनों का विवेक हर लिया है. आजकल निजी स्कूल मनमानी करने लगे हैं. मेरी राय में शिक्षा और स्वास्थ्य के पेशे में सिर्फ मिशनरियों को ही इजाजत दी जानी चाहिए. कई स्कूल अपनी मनमर्जी से फीस वसूलते हैं, कभी इस मद में, तो कभी उस मद में.
अभिभावकों की मजबूरी यह है कि वे अपनी जरूरतों से समझौता करके इनकी फीस भरें, आखिरकार उन्हें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा जो देनी है. कोई मां-बाप कभी नहीं चाहेंगे कि उनकी संतान जिंदगी की दौड़ में उनकी किसी कोताही की वजह से पिछड़ जाये, इसीलिए निजी स्कूलवाले उनकी विवशता का फायदा उठाते हैं. कुछ निजी शिक्षण संस्थानों की अंधेरगर्दी से लोगों को बचाने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है, तभी समाज का और आम आदमी का भला हो सकेगा.
राम प्रसाद, रामगढ़