पिछले दिनों एक पेट्रोलियम कंपनी ने आधार कार्ड के जरिये बैंक में दी जा रही गैस सब्सिडी के बारे में जनता से सुझाव मांगे हैं. इस पर मेरी राय यह है कि गरीब के लिए गैस सिलिंडर के लिए दोगुनी रकम देना मुश्किल है.
और बार-बार बैंक में एंट्री हेतु जाना एक बड़ी और नयी परेशानी होगी. इस काम के लिए बैंक में अलग से भीड़ जुटने लगेगी और इससे कर्मचारियों और जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी. इस प्रक्रिया के आ जाने से गैस की सरल और सस्ती उपलब्धता के अभाव में लोग ईंधन हेतु लकड़ी और गोबर के उपले पर आश्रित होंगे, जिससे पर्यावरण को तो नुकसान होगा ही, इसके अलावा वायु प्रदूषण से सांस संबंधी भयंकर बीमारियां बढ़ेंगीं. ऐसे में यह स्कीम बिलकुल गलत है. इससे बढ़िया तो राजग का कार्यकाल था जब गलियों में आवाज लगाकर गैस सिलिंडर दिये जाते थे.
वेद प्रकाश, ई-मेल से