राजनीतिज्ञ बोलते कुछ हैं और करते कुछ. इसका ताजा उदाहरण है भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पीएम इन वेटिंग नरेंद्र मोदी. इन दोनों को किसी भी कीमत पर मनपसंद और सुरक्षित सीट चाहिए, इसलिए मोदी ने वाराणसी को चुना और राजनाथ ने लखनऊ को क्योंकि इन दोनों को डर था कि इन दोनों सीटों को छोड़कर वे क्रमश: कहीं और से लड़े तो जीतना संभव नहीं होगा.
दूसरी ओर, भारत के अब 29 राज्यों में 18 राज्य ऐसे हैं जहां भाजपा को एक भी सीट नहीं है, फिर भी भाजपा वाले झूठा प्रचार कर रहे हैं कि मोदी की लहर है जो सच्चाई से लाखों किलोमीटर दूर है और कर्नाटक में इन्हें येदुरप्पा और श्रीरामुलु की जरूरत पड़ रही है और दिल्ली से भाजपा के बड़े नेता चुनाव लड़ने को तैयार नहीं क्योंकि दिल्ली में आप की लहर के बीच में भाजपा के लिए सीट जीतना मुश्किल है.
।। डॉ भुवन मोहन ।।
हिनू, रांची