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राज्यसभा उपसभापति चुनाव : अकाली दल नाराज, अन्नाद्रमुक, बीजद व टीआरएस पर टिकी निगाह

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी हर हाल में राज्यसभा के उपसभापति पद पर अपने खेमे के उम्मीदवार को चुनाव जीताना चाहती है. एनडीए की आेर से इस पद के लिए जदयू से राज्यसभा सदस्य हरिवंश का नाम तय किये जाने की संभावना है. वहीं, शिरोमणि अकाली दल […]

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी हर हाल में राज्यसभा के उपसभापति पद पर अपने खेमे के उम्मीदवार को चुनाव जीताना चाहती है. एनडीए की आेर से इस पद के लिए जदयू से राज्यसभा सदस्य हरिवंश का नाम तय किये जाने की संभावना है. वहीं, शिरोमणि अकाली दल भाजपा के इस फैसले से नाराज हो गया है. सूत्रों के अनुसार, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के निवास पर पार्टी नेताओं की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि वे उपसभापति पद के चुनाव से अनुपस्थित रह सकते हैं. दरअसल, पहले इस पद के लिए शिरोमणि अकाली दल के नरेश गुजराल के नाम की चर्चा थी, लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस पद के लिए एनडीए की पसंद वरिष्ठ पत्रकार व सांसद हरिवंश बन कर उभरे हैं.

कब होना है चुनाव, कया है समीकरण?

राज्यसभा का चुनाव नौ अगस्त को 11 बजे होगा. इसकी घोषणा राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कल ही की. इसके लिए नामांकन आठ अगस्त को किया जाएगा. ऊपरी सदन में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को बहुमत नहीं है. वहीं, शिरोमणि अकाली दल के उच्च सदन में तीन सांसद हैं. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति से सत्तापक्ष के जीत के समीकरण के लिए और चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
हालांकि भाजपा अन्नाद्रमुक के 13 सांसदों, टीआरएस के छह सांसदाें, बीजद के नौ सांसदों व वाइएसआर कांग्रेस के दो सांसदों के समर्थन की उम्मीद कर रही है.

अन्नाद्रमुक ने हाल में केंद्रीय राजनीति में लगातार भाजपा के पक्ष में अपना झुकाव दिखाया है. टीआरएस के नेता व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की थी.इसेदोनों के बीच अच्छे रिश्ते के रूप में देखा गया. ऐसे में टीआरएस का समर्थन मिल सकता है. वहीं, भविष्य की राजनीति के मद्देनजर वाइएसआर कांग्रेस भी सत्तापक्ष के उम्मीदवार का समर्थन कर सकती है. सत्तापक्ष के पास 110 सांसदाें का समर्थन है, जबकि यूपीए के पास 113 सांसद हैं. किसी खेमे को जीत के लिए 123 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी. ऐसे में अन्नाद्रमुक, टीआरएस, बीजद व वाइएसआर कांग्रेस किसी की बाजी पलट सकते हैं.

जदयू अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विभिन्न राजनीतिक दलोंकेशीर्ष नेतृत्व से अच्छे रिश्ते हैं. ऐसे में उनकी राजनीतिक पहल भी एनडीए की राह आसान कर सकती है.

उधर, कांग्रेस ने खुद इस पद के लिए उम्मीदवार उतारने से मना कर दिया है, लेकिन उसने विपक्ष के उम्मीदवार की बात कही है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के साथ बैठक में आज इस पद के उम्मीदवार परविपक्षी दल फैसला कर सकते हैं. विपक्ष की ओर से इस पद के लिए द्रमुक के तिरुचि शिवा व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की वंदना चह्वाण के नाम की चर्चा है.

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