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2017 में बिहार की 20 बड़ी घटनाएं, जो बनी रहीं सुर्खियां, जानें

पटना : बिहार में वर्ष 2017 बदलते राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद नाटकीय रहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू, लालू प्रसाद यादव की राजद और कांग्रेस को मिलाकर बने महागठबंधन का साथ छोड़ भाजपा नीत राजग का दामन फिर से थाम लिया. 1. लालू प्रसाद के लिए जाता हुआ साल बहुत खराब साबित हुआ […]

पटना : बिहार में वर्ष 2017 बदलते राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद नाटकीय रहा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू, लालू प्रसाद यादव की राजद और कांग्रेस को मिलाकर बने महागठबंधन का साथ छोड़ भाजपा नीत राजग का दामन फिर से थाम लिया.

1. लालू प्रसाद के लिए जाता हुआ साल बहुत खराब साबित हुआ जहां राज्य सरकार से उनकी पार्टी को हटना पड़ा और चारा घोटाले में जेल जाना पड़ा.

2. रांची की एक विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को लालू और 15 अन्य को 21 साल पुराने चारा घोटाले में दोषी ठहराया था. इस मामले में सजा तीन जनवरी को सुनाई जायेगी. 69 साल के राजद नेता फिलहाल रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.

3. इस वर्ष प्राकृतिक आपदा ने भी बिहार में भारी तबाही मचाई. उत्तरी बिहार के 19 जिलों में बाढ़ के कारण करीब दस लाख लोग बेघर हो गये और 500 से अधिक लोगों की जान चली गयी.

4. नयी सरकार के गठन के कुछ ही समय बाद सृजन घोटाला सामने आया जो राजकोष से एक गैर सरकारी संगठन को सैकड़ों करोड़ रुपये धोखे से हस्तांतरित करने से जुड़ा था. इस मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दिये.

5. राज्य में शराबबंदी के जमीनी क्रियान्वयन पर जहरीली शराब के कारण होने वाली मौत की घटनाओं ने सवालिया निशान लगाये. जहरीली शराब के कारण मौत की घटना रोहतास और वैशाली जिलों में हुई. समस्तीपुर में शराब तस्करों ने एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी. इसके अलावा राज्यभर से बड़े पैमाने पर शराब की बरामदगी हुई.

6. सियासी हलके में सबसे बड़ी खबर तब आयी जब बेहद नाटकीय घटनाक्रम में नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ दिया.

7. नरेंद्र मोदी को भाजपा नीत राजग का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के विरोध में उन्होंने चार वर्ष पहले ही भाजपा का 17 वर्ष का साथ छोड़ दिया था और कांग्रेस तथा राजद के साथ महागठबंधन बनाया था.

8. नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के बीच तल्ख संबंधों में गर्मजोशी का संकेत जनवरी में प्रकाश पर्व के मौके पर मिला. गुरु गोविंद सिंह की 350वी जयंती वर्ष समारोहों की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मोदी और कुमार ने मंच साझा किया और एक दूसरे की तारीफों के पुल बांधे.

9. नोटबंदी के मोदी के फैसले के समर्थन में खुलकर सामने आकर नीतीश ने अपने गठबंधन सहयोगियों को नाराज कर दिया था.

10. महागठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है, इसके स्पष्ट संकेत तब मिले जब नीतीश ने राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया. घटनाक्रम तेजी से बदला जब सीबीआई ने होटल घोटाले में लालू प्रसाद, उनके छोटे बेटे तथा महागठबंधन सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव समेत उनके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया.

11. नीतीश कुमार ने तब कहा कि लालू इस बारे में सार्वजनिक तौर पर स्पष्टीकरण दें. इस मांग को राजद ने ठुकरा दिया और इसके बाद उन्होंने अपने गठबंधन सहयोगी के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.

12. भाजपा ने नयी सरकार को समर्थन देने की घोषणा की और इस्तीफा देने के 24 घंटे के भीतर नीतीश ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.

13. जदयू के भीतर भी उथल पुथल मच गयी. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और कभी नीतीश के करीबी रहे राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कुमार के खिलाफ विद्रोह कर दिया.

14. पार्टी के आदेश को नजरअंदाज करते हुए शरद यादव और अली अनवर राजद के कार्यक्रमों में शामिल होते रहे और उन्होंने नीतीश कुमार पर 2015 के विधानसभा चुनाव के जनादेश के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया.

15. नीतीश कुमार जो जदयू अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने पार्टी से शरद के सभी करीबियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रखा जिससे पार्टी के चिह्न पर विरोधी धड़े का दावा खारिज हो गया. शरद यादव और अली अनवर को राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दे दिया गया.

16. महागठबंधन टूटने का असर कांग्रेस की राज्य इकाई में भी दिखा. यह दो धड़ों में बंट गयी, एक धड़ा जो नीतीश का करीबी था और दूसरा जो राजद के पक्ष में था.

17. अंदरुनीलड़ाई के चलते बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद से अशोक चौधरी को हटा दिया गया. राजद की परेशानियां भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं थी. चारा घोटाला से जुड़े मामलों में लालू प्रसाद को झारखंड की सीबीआई अदालत में नियमित रूप से पेश होना था.

18. उनकी बेटी और राज्यसभा सदस्य मीसा भारती, उनके पति शैलेष तथा तेजस्वी से धन शोधन के एक मामले में ईडी ने पूछताछ की.

19. छह समन भेजे जाने के बावजूद राबड़ी देवी ने दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया जिसके बाद ईडी के अधिकारियों ने पटना जाकर उनसे पूछताछ की.

20. नीतीश सरकार ने आउटसोर्स सेवाओं में आरक्षण का अहम फैसला किया, जिसे आलोचकों ने पिछले दरवाजे से निजी क्षेत्र में कोटा प्रणाली लाने का प्रयास बताया.

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