10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

GST काउंसिल की बैठक : 178 वस्तुओं व सेवाओं की जीएसटी दर घटी, जानें क्या हुआ सस्ता

गुवाहाटी : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के निर्धारण में अब तक का सबसे बड़े बदलाव करते हुए इसके जीएसटी परिषद ने चुइंग गम से लेकर चॉकलेट, सौंदर्य प्रसाधनों, विग से लेकर हाथ घड़ी तक करीब 200 उत्पादों पर कर की दरें घटा दी हैं. उम्मीद है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ-साथ […]

गुवाहाटी : माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के निर्धारण में अब तक का सबसे बड़े बदलाव करते हुए इसके जीएसटी परिषद ने चुइंग गम से लेकर चॉकलेट, सौंदर्य प्रसाधनों, विग से लेकर हाथ घड़ी तक करीब 200 उत्पादों पर कर की दरें घटा दी हैं. उम्मीद है कि इससे उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ-साथ उद्योग एवं व्यापार जगत को सुस्ती के दौर में सहूलियत होगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि आम इस्तेमालवाली 178 वस्तुओं पर कर दर को मौजूदा के 28 प्रतिशत से घटा कर 18 प्रतिशत करने का फैसला किया है.

परिषद ने एसी से लेकर नॉन एसी तक सभी प्रकार के रेस्तरांओं पर कर की दर पांच प्रतिशत करने का फैसला किया गया है. अभी तक गैर एसी रेस्तरां में खाने के बिल पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता था, वहीं एसी रेस्तरां पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत थी. इन सभी को इनपुट कर क्रेडिट (आइटीसी) की सुविधा मिलती थी. इसमें अंतिम कर के भुगतान पर इनपुट कर भुगतान को घटा दिया जाता है. लेकिन, अब रेस्तरां चालानेवालों को इस्तेमाल होनेवाली सामग्री पर चुकाये गये कर का फायदा नहीं मिलेगा.

जेटली ने कहा कि रेस्तरां इनपुट कर क्रेडिट की सुविधा ग्राहकों को नहीं दे रहे थे. इसलिए इस सुविधा को वापस लिया जा रहा है और सभी रेस्तरांओं एससी और गैर एसी के लिए कर की दर एक समान पांच प्रतिशत की जा रही है. ऐसे सितारा होटल जिनमें कमरे का एक दिन का किराया 7,500 रुपये या अधिक है, उन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जायेगा. लेकिन, आइटीसी की सुविधा मिलेगी. वहीं, ऐसे होटल जिनमें कमरे का एक दिन का किराया 7,500 रुपये से कम होगा, उन पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा. हालांकि, उन्हें आइटीसी की सुविधा नहीं मिलेगी. जीएसटी परिषद ने 28 प्रतिशत के सर्वाधिक कर दरवाले स्लैब में वस्तुओं की संख्या को घटा कर सिर्फ 50 कर दिया है जो कि पहले 228 थी. अब 28 प्रतिशत के कर स्लैब में सिर्फ लग्जरी और अहितकर वस्तुएं ही रह गयी हैं. प्रतिदिन इस्तेमाल की वस्तुओं को 18 प्रतिशत के कर स्लैब में डाल दिया गया है. वेट ग्राइंडर और बख्तरबंद वाहनों पर जीएसटी की दर 28 से घटा कर 12 प्रतिशत कर दी गयी है.

वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि छह उत्पादों पर कर की दर को 18 से घटा कर पांच प्रतिशत किया गया है. वहीं, आठ वस्तुओं पर कर की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत तथा छह पर लागू पांच प्रतिशत कर की दर को समाप्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी तरह की चुइंग गम, चॉकलेट, कॉफी, कस्टर्ड पाउडर, मार्बल और ग्रेनाइट, डेंटल हाइजीन उत्पादों, पॉलिश और क्रीम, सैनिटरी वियर, चमड़े के कपड़े, आर्टिफिशल फर, विग, कूकर, स्टोव, शेविंग व शेविंग के बाद काम आनेवाले सामान, शैंपू, डियोडोरेंट, कपड़े धोने के डिटर्जेंट पाउडर, कटलरी, स्टोरेज वॉटर हीटर, बैटरियां, गॉगल्स, हाथ घडी और मैट्रेस पर जीएसटी की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया है.

अब 28 प्रतिशत के सबसे ऊंचे जीएसटी स्लैब में सिर्फ लग्जरी और अहितकर वस्तुएं मसलन पान मसाला, एरेटेड पानी और बेवरेजेज, सिगार और सिगरेट, तंबाकू उत्पाद, सीमेंट, पेंट, इत्र, एसी, डिश वॉशिंग मशीन, वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, वैक्यूम क्लीनर, कारों और दोपहिया, विमान और याट शामिल रहेगा. जिन उत्पादों पर जीएसटी दर को 28 से घटा कर 18 प्रतिशत किया गया है उनमे वायर और केबल्स, फर्नीचर, मैट्रेस, ट्रंक, सूटकेस, डिटर्जेंट, शैंपू, केश क्रीम, बालों का रंग, मेकअप का सामान, पंखे, लैंप, रबड ट्यूब और माइक्रोस्कोप शामिल है. इसी कंडेस्ड मिल्क, रिफाइंड चीनी, पास्ता करी पेस्ट, डायबेटिक फूड, मेडिकल ग्रेड आक्सीजन, प्रिंटिंग इंक, हैंडबैग, टोपी, चश्मे का फ्रेम, बांस-केन फर्नीचर पर कर की दर 18 से घटा कर 12 प्रतिशत की गयी है.

वहीं, पफ्ड राइस चिक्की, आलू का आटा, चटनी पाउडर और फ्लाई सल्फर पर जीएसटी की दर 18 से घटाकर छह प्रतिशत की गयी है. ग्वार मील, हाप कोन, कुछ सूखी सब्जियों, बिना छिले नारियल और मछली पर जीएसटी की दर पांच से घटाकर शून्य कर दी गयी है. इसी तरह इडली डोसा बैटर, तैयार चमड़े, कायर, मछली पकड़ने का जाल, पुराने कपड़े और सूखे नारियल पर कर की दर को 12 से घटा कर पांच प्रतिशत किया गया है. जेटली ने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को फायदा होगा क्योंकि ज्यादातर कर योग्य उत्पाद अब पांच, 12 और 18 प्रतिशत के कर स्लैब में आ गये हैं.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि करों में इस कटौती से सरकारों को सालाना 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व से वंचित होना पड़ेगा. जीएसटी को एक जुलाई को लागू किया गया था. इससे 29 राज्यों में एक बाजार और एक कर व्यवस्था लागू हो गयी थी. छोटे व्यापारियों ने जीएसटी के लागू होने के बाद इसके अनुपालन में आ रही दिक्कतों को उठाया था, वहीं आम इस्तेमाल की वस्तुओं पर कर की ऊंची दर को लेकर विरोध हो रहा था.

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद अर्थव्यवस्था अपनी सबसे सुस्त रफ्तार से आगे बढ़ रही है. ऐसे में डरी सरकार के पास बदलाव की मांग को पूरा करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं है. अनुपालन बोझ को कम करने के लिए परिषद ने रिटर्न दाखिल करने के मानदंड में छूट दी है और साथ ही देरी से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर जुर्माना कम कर दिया है.

जेटली ने कहा कि जीएसटी ढांचे को तर्कसंगत बनाने के प्रयास के तहत परिषद समय समय पर दरों की समीक्षा करती है. पिछली तीन बैठकों से हम 28 प्रतिशत कर स्लैब को प्रणालीगत तरीके से देख रहे हैं और इन कर स्लैब से वस्तुओं को निचले कर स्लैब में ला रहे हैं. इनमें से ज्यादातर वस्तुओं को 18 या उससे कम के कर स्लैब में लाया गया है. उन्होंने जीएसटी की 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की कर स्लैब इस आधार पर तय किया गया था जिसमें प्रत्येक उत्पाद को उस श्रेणी में रखने का प्रयास किया गया था जो जीएसटी पूर्व व्यवस्था में उसके सबसे नजदीकी श्रेणी में आती थीं.

ईवाई इंडिया के कर पार्टनर बिपिन सपरा ने कहा कि करों में कटौती से उल्लेखनीय रूप से जिंसों के दाम कम होंगे. हालांकि, सरकार को राजस्व के पहलू से भी संतुलन बैठाने की जरूरत होगी. ग्रांट थार्नटन इंडिया एलएलपी के भागीदार कृष्ण अरोड़ा ने कहा कि जीएसटी परिषद के 28 प्रतिशत स्लैब की सूची को छोटा करने का फैसला स्वागतयोग्य है. इनमें से कुछ मामलों में कर प्रभाव पुरानी व्यवस्था से भी कम हो जायेगी, जो उद्योगों के साथ उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत होगा. खेतान एंड कंपनी के अभिषेक ए रस्तोगी ने कहा कि यह अनुमान लगाया जा रहा था कि कर की दर घटायी जायेगी. लेकिन, यह किसी को अनुमान नहीं था कि इसमें इतनी अधिक कटौती की जायेगी.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel