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मंदिरों में भगवान भी सुरक्षित नहीं, बढ़ रहीं मूर्ति चोरी की घटनाएं

मंदिरों में भगवान भी सुरक्षित नहीं बढ़ रहीं मूर्ति चोरी की घटनाएं सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी राज्य केमठ-मंदिरों से कीमती व प्राचीन मूर्तियों की चोरी की घटनाएं नहीं रुक रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि लाखों-करोड़ों की संपत्ति वाले मठ-मंदिरों की सुरक्षा का भी कोई खास इंतजाम नहीं है. इस […]

मंदिरों में भगवान भी सुरक्षित नहीं बढ़ रहीं मूर्ति चोरी की घटनाएं
सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी राज्य केमठ-मंदिरों से कीमती व प्राचीन मूर्तियों की चोरी की घटनाएं नहीं रुक रही हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि लाखों-करोड़ों की संपत्ति वाले मठ-मंदिरों की सुरक्षा का भी कोई खास इंतजाम नहीं है.
इस कारण चोर इन मंदिरों को आसानी से निशाना बना रहे हैं. राज्य
के विभिन्न मंदिरों में स्थापित कीमती अष्टधातु की मूर्तियों पर अंतरराष्ट्रीय चोर गिरोह की भी नजर है.विदेशों में इन मूर्तियों की काफी मांग है. लगातार मंदिरों में हो रही चोरी की घटनाओं ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है.
मुजफ्फरपुर : मंदिरों पर है अंतरराष्ट्रीय चोर गिरोहों की निगाह ले के विभिन्न मंदिरों में स्थापित कीमती अष्टधातु की मूर्ति पर अंतरराष्ट्रीय चोर गिरोह की निगाह है. इसकी भनक लगने के बाद खुफिया विभाग ने पुलिस महकमा को सतर्क किया है. उत्तर बिहार के सभी जिलों के पुलिस कप्तान को अष्टधातु की मूर्ति वाले मंदिरों की सूची के साथ पत्र भेज उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है. मुजफ्फरपुर पुलिस को भी 42 मंदिरों की सूची उपलब्ध कराते हुए उसमें स्थापित कीमती अष्टधातु की मूर्तियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है.
वहीं जून माह में एसएसबी की 41वीं बटालियन व कस्टम विभाग की टीम ने सिलीगुड़ी के पास से अष्टधातु निर्मित सीता माता,राम, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्ति बरामद की है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 40 करोड़ रुपये बतायी गयी है. मूर्ति के साथ संतोष कुमार पासवान (खाजेचांद छपड़ा, मीनापुर) और सुनील कुमार (कांटी) को भी गिरफ्तार किया था. पूछताछ में चोरों ने बताया था कि नेपाल में इन मूर्तियों की काफी डिमांड है.
हाजीपुर : दुर्लभ और प्राचीन मूर्तियों की सुरक्षा भगवान भरोसे
वैशाली जिले के प्रसिद्ध और दर्शनीय मंदिरों से बेशकीमती मूर्तियों की चोरी की घटनाएं समय-समय पर होती रहती हैं. इनमें शायद ही कहीं मूर्ति की बरामदगी हुई हो. बीते एक पखवारे के अंदर वैशाली के दो जैन मंदिरों से अष्टधातु की करोड़ों की मूर्तियां चोरी हो गयीं .
बीते 21 फरवरी को वैशाली के बावन पोखर के उत्तरी छोर पर स्थित दिगम्बर जैन मंदिर से अष्टधातु की पांच मूर्तियां चुरा ली गयीं. अन्य कीमती सामान भी चोर लेते गये. यहां सुरक्षा का कोई प्रबंध होने के कारण चोरों ने मेन गेट का ताला काट कर आराम से चोरी की घटना को अंजाम दिया. वहीं 3 मार्च को भगवान महावीर के जन्म स्थल वासोकुंड के जैन मंदिर से अष्टधातु की दो मूर्तियां समेत कई महत्वपूर्ण सामान चुरा लिये गये.
चोरी की गयी मूर्तियों में अष्टधातु की 9 किलो वजन वाली भगवान आदित्यनाथ की एवं पांच किलो वजन की भगवान शांतिनाथ की मूर्ति थी.
ये दोनों मूर्तियां वैशाली के लिए खास थीं. चोरी की इस बड़ी घटना में वैशाली और मुजफ्फरपुर पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं.
गया : चोरी हुईं कई मूर्तियां, अब तक बरामद नहीं
मंदिराें व मठाें से भगवान की मूर्तियाें काे चुराने और घंटा चुराने की घटनाएं हाेते रहती हैं. पाैराणिक बेशकीमती पत्थराें से बनी मूर्तियाें काे चाेर पहले टारगेट करते हैं. पहले उसकी रेकी की जाती है फिर उसकी चाेरी. इससे उन्हें लाखाें की कमाई हाेती है.
बताया जाता है कि मूर्ति चाेरी कर उसे बेचने का धंधा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है. गया के विभिन्न प्रखंडाें जिनमें फतेहपुर, टनकुप्पा, गुरुआ, बेलागंज, काेंच में मूर्ति चाेरी की घटनाएं अधिक हाेती हैं. चोर भगवान को भी लेकर भागने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं. हालांकि गया में हाल में मूर्ति चाेरी की घटना में कमी आयी है. कहीं से ऐसी शिकायत नहीं मिली है.
फतेहपुर प्रखंड में 30 मई 2014 को बुधौल के शिव मंदिर से कीमती धातु की मूर्ति की चोरी कर ली गयी थी. संबंधित मामले में अज्ञात के विरुद्ध फतेहपुर थाना में 139धारा 14 के तहत मुकदमा दर्ज है.
चार साल के बाद भी मूर्ति व चोरों का पता नहीं चल सका है, जबकि दूसरी घटना संडेश्वर शिव मंदिर में 17 दिसंबर 2014 को बुद्ध भगवान की आकृति के बने सफेद पत्थर की मूर्ति पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया था. अज्ञात पर मंदिर के केयर टेकर सोमनाथ पांडेय ने केस दर्ज कराया था. वहीं फरवरी 2016 में कोकथा गांव के देवी मां मंदिर से चोरों ने देवी मां की मूर्ति चोरी कर ली गयी थी. इन सभी में मूर्ति की बरामदगी नहीं हो सकी है.
टनकुप्पा में मूर्ति की चोरी हुई जरूर पर पुलिस ने मूर्ति को जल्द ही बरामद कर लिया. मूर्ति की चोरी की घटना टनकुप्पा में 2015 व 2016 में हुई. मई 2015 में बिरने पथरा के पास रहे मंदिर से गणेश भगवान की मूर्ति की चोरी कर ली गयी थी. साथ ही उसके कुछ हिस्सों को खंडित कर दिया गया था.
पुलिस की तत्परता के कारण वजीरगंज थाना क्षेत्र से उसका चोरी के दूसरे दिन ही बरामद कर लिया गया जबकि दूसरी घटना मई 2016 में महेर के पास पर्यटक को दृष्टिकोण से ग्रामीणों द्वारा दो बुद्ध भगवान की मूर्ति को स्थापित किया गया. प्राचीन भगवान बुद्ध की चार फुट ऊंची मूर्ति को लेकर चोरों ने चोरी कर ली थी. उसे पुलिस ने तरमा से बरामद किया था. बरामद मूर्ति अभी भी थाना में पेड़ के नीचे रखी गयी है. वहीं फतेहपुर थाना में गणेश व बुद्ध भगवान की पीपल के छांव में रखे गये हैं.
गुरुआ प्रखंड क्षेत्र में बीते चार वर्षों में लगभग पांच जगहों से मूर्ति की चोरी हुई, जिनमें पुलिस को अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है.
बांका जिले के अमरपुर थाना क्षेत्र स्थित भदरिया के दुर्गा भगत ठाकुरबाड़ी से विगत 26 फरवरी की रात राम-लक्ष्मण की सौ साल पुरानी दो मूर्तियों समेत लाखों रुपये के आभूषण चोरी कर लिये गये थे. मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गांव से ही मूर्ति के कई टुकड़ों को बरामद किया था.
सहरसा : डेढ़ साल बाद भी बरामद नहीं हुआ शिवलिंग
लो असुरक्षित हैं मंदिर. आभूषण व दानपेटी पर भी हाथ साफ कर रहे चोर
भागलपुर : चोरी की बढ़ती घटनाएं खोल रहीं सुरक्षा की पोल
गत चार जनवरी को एक ही रात शहर के प्रमुख चौराहों पर मौजूद दो मंदिरों में हुई चोरी की घटना ने सुरक्षा-व्यवस्था की पोल खोल दी थी. उस रात हुई घटना में तिलकामांझी चौक स्थित महावीर मंदिर से भगवान के आभूषण समेत दान पेटी और बूढ़ानाथ चौक स्थित बजरंगबली मंदिर के गेट पर लगी दान पेटी पर चोरों ने हाथ मारा था.
अभी तक पुलिस को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी. तिलकामांझी पुलिस ने मामले में अनुसंधान करते हुए चौक पर सब्जी बेचने वाले एक युवक को हिरासत में ले लिया था. हिरासत में लिये गये परिजनों द्वारा वरीय अधिकारियों के पास की गयी शिकायत के बाद उक्त युवक को पुलिस को छोड़ना पड़ा था. वहीं मामले में न तो अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी और न ही चोरी गये आभूषणों को बरामद किया जा सका.
छपरा : सुरक्षा-व्यवस्था का कारगर इंतजाम नहीं
रण जिले के मठ -मंदिरों की सुरक्षा के लिए तीन वर्ष पहले योजना बनी थी. चहारदीवारी विहीन मठ मंदिरों की सुरक्षा के लिए घेराबंदी कराने का प्रस्ताव तैयार कर सरकार को तीन वर्ष पहले भेज दिया गया. सरकार के द्वारा मठ मंदिरों की सुरक्षा के लिए घेराबंदी कराने हेतु राशि का आवंटन आज तक नहीं किया गया है.
इस वजह से मठ -मंदिरों की सुरक्षा खतरे में है. जिले के करीब एक सौ वैसे मठ मंदिर हैं, जिसकी घेराबंदी नहीं की गयी है. प्राचीन धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व के एक दर्जन से अधिक मठ मंदिरों से अष्टधातु की प्रतिमा की चोरी दस वर्षों के अंदर कर ली गयी. इसमें आज तक पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली है. इतना ही नहीं राज्य पुलिस मुख्यालय से मठ मंदिरों की सुरक्षा जांच के लिए दिये गये निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है.
समस्तीपुर : बेशकीमती मूर्तियों पर चोर गिरोह की नजर
मस्तीपुर जिले का ऐतिहासिक एवं पौराणिक महत्व है. मंदिरों के शहर रोसड़ा समेत अनुमंडल क्षेत्र के मठ मंदिरों के देवी देवताओं की प्राचीन व बेशकीमती मूर्तियों पर चोर गिरोह की नजर रही है. मूर्ति तस्कर गिरोह यहां के डेढ़ दर्जन से ज्यादा पौराणिक मठ मंदिरों से करोड़ों की बेशकीमती अष्टधातु की मूर्तियां गायब कर चुका है. फिर भी यहां के मठ मंदिरों में भगवान की बेशकीमती मूर्तियां की सुरक्षा भगवान के भरोसे ही है.
कई मठ-मंदिरों की चहारदीवारी भी पूरी नहीं है. मंदिर की सुरक्षा पुजारी व महंत के जिम्मे ही रहता है. मूर्ति चोरी की हुई एक से एक घटनाओं को लेकर इलाके के मठ मंदिरों के महंत व पुजारियों की नींद हर वक्त उड़ी रहती है.
सीतामढ़ी : समय-समय पर गायब हो रहीं भगवान की मूर्तियां
जिले में विभिन्न मंदिरों में स्थापित भगवान की अष्टधातु की मूर्ति चोरी का मामला समय-समय पर प्रकाश में आता रहा है. सुरक्षा को लेकर सिर्फ जानकी जन्मभूमि पुनौराधाम, जानकीमंदिर व हलेश्वरस्थान में सुरक्षाकर्मियों का इंतजाम किया गया है. नगर थाने के पुनौराधाम मंदिर से 2003 में अष्टधातु की दो मूर्तियां चोरी हो गयीं. खोजबीन के बाद पुनौरा पोखर के पास पानी से भरे खेत से बरामद किया गया. अभी 22 फरवरी को नगर थाना के बड़ी बाजार से सटे लखनदेई नदी के किनारे स्थित श्रीरामजानकी मठ से अष्टधातु की चार मूर्तियां चोरी हो गयीं. उनका पता आज तक नहीं चल सका है.

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